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Jharkhand Encounter: सारंडा जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, विस्फोटकों की बरामदगी के दौरान आईईडी ब्लास्ट में एक जवान घायल

Jharkhand Encounter: सारंडा जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, विस्फोटकों की बरामदगी के दौरान आईईडी ब्लास्ट में एक जवान घायल

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगलों में शुक्रवार को एक बार फिर नक्सल हिंसा ने दस्तक दी। जराईकेला थाना क्षेत्र के तिरिलपोसी में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में कोबरा 209 बटालियन के एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल जवान को तुरंत प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सलियों के कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी बरामद की है।

घटना की पुष्टि करते हुए पश्चिम सिंहभूम के एसपी राकेश रंजन ने बताया कि यह मुठभेड़ उस वक्त हुई जब सुरक्षाबल हाल ही में ओडिशा-झारखंड बॉर्डर पर लूटे गए विस्फोटकों की बरामदगी के लिए अभियान चला रहे थे। यह विस्फोटक कुछ दिन पहले ओडिशा के केबलांग थाना क्षेत्र के बांका खदान से लूटा गया था, जहां नक्सलियों ने ट्रक पर धावा बोलकर चार टन से अधिक विस्फोटक सामग्री हथिया ली थी। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया था और ओडिशा पुलिस के डीजीपी स्वयं राउरकेला में दो दिन तक डेरा डालकर मामले की जांच कर रहे थे। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी इस लूट की तह तक पहुंचने के लिए सक्रिय हो गई थी।

झारखंड पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि लूटे गए विस्फोटक तिरिलपोसी के जंगल में छिपाए गए हैं। इसी इनपुट पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इलाके को चारों ओर से घेर लिया। दोपहर करीब 12 बजे जब सुरक्षाबल बरामदगी की कार्रवाई कर रहे थे, तभी घात लगाए बैठे नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभालते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया। इस दौरान नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट किया, जिसमें कोबरा बटालियन के जवान सुनील कुमार घायल हो गए।

घटनास्थल पर दोनों ओर से हुई गोलीबारी की आवाजें सारंडा के जंगल को चीरती हुई आसपास के इलाकों तक सुनाई दे रही थीं। स्थानीय निवासियों में भी भय और तनाव का माहौल व्याप्त हो गया। पुलिस की तत्परता से विस्फोटकों की एक बड़ी खेप को बरामद कर लिया गया है, जिससे माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम हो गई है।

पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ नक्सलियों की रणनीति को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान के तहत कई नक्सली कैंप, बंकर और हथियार डिपो ध्वस्त किए जा चुके हैं। सारंडा के जंगलों को नक्सल मुक्त बनाने की यह मुहिम लगातार जारी है और इस ताजा सफलता से सुरक्षाबलों का मनोबल और अधिक बढ़ा है।

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