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Delhi Sewer Accident: दिल्ली अशोक विहार में सीवर सफाई हादसा: जहरीली गैस से एक की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल

Delhi Sewer Accident: दिल्ली अशोक विहार में सीवर सफाई हादसा: जहरीली गैस से एक की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अशोक विहार इलाके में मंगलवार देर रात एक गंभीर और दुखद हादसा हुआ। हरिहर अपार्टमेंट के पास सीवर की सफाई के दौरान चार सफाईकर्मी जहरीली गैस के संपर्क में आ गए। इस हादसे में 40 वर्षीय एक सफाईकर्मी की मौत हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह हादसा रात लगभग 11:30 बजे हुआ। चारों सफाईकर्मी जब सीवर के अंदर सफाई का काम कर रहे थे, अचानक जहरीली गैस का प्रभाव उन्हें प्रभावित कर गया। इसके चलते सभी कर्मचारी बेहोश होकर गिर पड़े। तुरंत उन्हें दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक सफाईकर्मी को मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के कासगंज निवासी अरविंद के रूप में हुई है। वहीं, कासगंज निवासी सोनू और नारायण तथा बिहार निवासी नरेश को आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ये सभी सफाईकर्मी एक निर्माण कंपनी के लिए काम कर रहे थे, जो पिछले कई दिनों से इस इलाके में सीवर की सफाई कर रही थी। हादसे के बाद कंपनी के प्रबंधक को पूछताछ के लिए बुलाया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 106(1) (लापरवाही से मृत्यु), 289 (मशीनरी या उपकरण संबंधी लापरवाही जिससे जीवन को खतरा हो) और 337 (लापरवाही से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा ‘हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013’ के प्रावधान भी लागू किए गए हैं। यह कदम सुनिश्चित करता है कि भविष्य में ऐसे कार्यस्थल हादसों को रोका जा सके और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

इस हादसे ने राजधानी में सीवर सफाई और निर्माण क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की गंभीरता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा गियर, प्रशिक्षण और गैस डिटेक्शन सिस्टम का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए। हादसा न केवल प्रभावित परिवारों के लिए दुखद है, बल्कि यह शहर में कामगारों की सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों पर भी सवाल खड़ा करता है।

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