Swaroop Nagar Incident: स्वरूप नगर में निर्माणाधीन मकान की शटरिंग गिरने से मकान मालिक समेत पांच श्रमिक घायल, पुलिस ने दर्ज किया लापरवाही का मामला

Swaroop Nagar Incident: स्वरूप नगर में निर्माणाधीन मकान की शटरिंग गिरने से मकान मालिक समेत पांच श्रमिक घायल, पुलिस ने दर्ज किया लापरवाही का मामला
दिल्ली के स्वरूप नगर इलाके में शनिवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक निर्माणाधीन इमारत की पहली मंजिल की शटरिंग अचानक भरभराकर गिर पड़ी। इस हादसे में मकान मालिक समेत चार श्रमिक घायल हो गए। राहत की बात यह रही कि किसी की जान को खतरा नहीं है। मौके पर दमकल और पुलिस टीम ने पहुंचकर घायलों को मलबे से बाहर निकाला और तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
घटना स्वरूप नगर थाना क्षेत्र की अमन कॉलोनी, नंगली पुना रोड के पास की है। शनिवार शाम करीब 6:20 बजे दिल्ली अग्निशमन सेवा को एक निर्माणाधीन भवन का लेंटर गिरने की सूचना मिली। इस सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां और स्थानीय पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। वहां देखा गया कि करीब 250 गज के मकान की पहली मंजिल पर लेंटर डाले जाने से पहले शटरिंग लगाई जा रही थी। इसी दौरान 20 फीट ऊंचाई पर मौजूद मकान मालिक और चार श्रमिकों सहित सभी लोग अचानक गिर गई शटरिंग के मलबे में दब गए।
पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। घायलों में मकान मालिक जहीरू और चार श्रमिक शामिल हैं। सभी को तुरंत सिंघु बॉर्डर के पास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दमकल विभाग के अधिकारी सीएल मीना ने बताया कि दो श्रमिकों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि बाकी तीन घायलों का इलाज चल रहा है। अच्छी बात यह रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं लगी है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि घटना के समय भवन निर्माण का कार्य बिना उचित सुरक्षा मानकों और निगरानी के किया जा रहा था। शटरिंग को ठीक से न कसने और अपर्याप्त सहारे के कारण पूरा ढांचा भरभराकर गिर पड़ा। पुलिस ने इस मामले में लापरवाही से हुई दुर्घटना का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है कि क्या निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप हो रहा था या नहीं।
वहीं, राहत एवं बचाव कार्य देर रात तक जारी रहा। मलबे में किसी अन्य के फंसे होने की आशंका नहीं जताई गई, लेकिन पूरी सतर्कता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
यह हादसा एक बार फिर से राजधानी में चल रहे अवैध या असुरक्षित निर्माण कार्यों की पोल खोलता है, जहां सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर मजदूरों की जान को खतरे में डाला जाता है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में दोषियों की जिम्मेदारी कैसे तय होती है।