Bijapur Naxal Attack: नक्सलियों का खूनी तांडव, धारदार हथियार से दो ग्रामीणों की हत्या, क्षेत्र में दहशत

Bijapur Naxal Attack: नक्सलियों का खूनी तांडव, धारदार हथियार से दो ग्रामीणों की हत्या, क्षेत्र में दहशत
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने एक बार फिर खौफ फैलाते हुए दो निर्दोष ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर दी। यह घटना उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम नेलाकांकेर की है, जहां शुक्रवार रात नक्सलियों ने दो ग्रामीणों को धारदार हथियार से वार कर मौत के घाट उतार दिया। मृतकों की पहचान रवि कटटम (25) पिता कन्ना और तिरूपति सोढी (38) पिता नरसा के रूप में हुई है। घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में भय और तनाव का माहौल है।
सूचना मिलते ही थाना उसूर पुलिस दल मौके के लिए रवाना हुआ और इलाके में सघन सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की पुष्टि हो गई है और आसपास के गांवों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस को आशंका है कि हत्या को अंजाम देने वाले माओवादी अब भी इलाके के जंगलों में छिपे हो सकते हैं।
इस घटना की खास बात यह है कि जिस दिन यह हमला हुआ, उसी दिन राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा बीजापुर के दौरे पर थे। उनके लौटते ही नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि माओवादी सुरक्षा बलों और सरकार के खिलाफ अपनी मौजूदगी जताने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना माओवादियों की उस रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जिसमें वे लगातार ग्रामीणों को निशाना बनाकर स्थानीय जनता में डर पैदा करना चाहते हैं। इस वर्ष अब तक बस्तर क्षेत्र में नक्सली 37 से अधिक ग्रामीणों की हत्या कर चुके हैं। एक ओर जहां कई माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं, वहीं संगठन के कुछ उग्र गुट अब भी हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ रहे।
बीजापुर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। आसपास के गांवों में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं ताकि किसी भी नई वारदात को रोका जा सके। पुलिस ने कहा कि माओवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
इस हत्याकांड ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बस्तर में नक्सल हिंसा वास्तव में खत्म हो रही है या अब भी कुछ इलाकों में माओवादियों का खौफ कायम है। ग्रामीणों में इस घटना के बाद भारी दहशत है और कई परिवारों ने रात में गांव छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।



