Canara Bank fraud case: केनरा बैंक धोखाधड़ी मामला: मेहुल चोकसी के खिलाफ सीबीआई ने गैर-जमानती वारंट की मांग की

Canara Bank fraud case: केनरा बैंक धोखाधड़ी मामला: मेहुल चोकसी के खिलाफ सीबीआई ने गैर-जमानती वारंट की मांग की
मुंबई, 17 अप्रैल — पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के प्रमुख आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बेल्जियम में हाल ही में हुई गिरफ्तारी के बाद अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने केनरा बैंक से जुड़े एक अन्य वित्तीय घोटाले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करने की मांग की है।
इस ताजा मामले में चोकसी और उनके सहयोगियों पर केनरा बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को ₹55.27 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है। सीबीआई के मुताबिक, चोकसी की कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारियों के आधार पर बैंकों से कर्ज लिया और उसका दुरुपयोग किया। जांच एजेंसी का मानना है कि यह मामला व्यवस्थित धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी का है, जो देश की बैंकिंग प्रणाली को कमजोर करता है।
12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण प्रक्रिया
मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी भारत सरकार की ओर से जारी प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर हुई। वह कई वर्षों से भारत से फरार था और 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी है। इस गिरफ्तारी को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी सफलता माना जा रहा है।
सीबीआई की याचिका और अदालत की कार्यवाही
बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने बुधवार को मुंबई स्थित विशेष सीबीआई अदालत में चोकसी के खिलाफ NBW जारी करने की याचिका दाखिल की। एजेंसी का तर्क था कि चोकसी बेल्जियम में गिरफ्त में है और भारत लाए जाने की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए केनरा बैंक मामले में वारंट जारी कर अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
हालांकि, अदालत ने याचिका को प्रक्रियात्मक आधार पर आगे नहीं बढ़ाया। न्यायाधीश वी. पी. देसाई ने कहा कि CBI की विशेष अदालत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) के मामलों की सुनवाई करती है और इसका अधिकार क्षेत्र तभी बनता है जब आरोपितों में कोई सरकारी या सार्वजनिक अधिकारी शामिल हो। लेकिन इस मामले में केवल निजी व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है, इसलिए इसे मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
क्या है केनरा बैंक घोटाले की पृष्ठभूमि?
यह धोखाधड़ी का मामला एक कंसोर्टियम से जुड़ा है जिसका नेतृत्व केनरा बैंक कर रहा था। चोकसी और उनसे जुड़ी कंपनियों ने इस समूह से कर्ज लिया और उसका भुगतान नहीं किया। बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करते हुए इस राशि का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया जिसके लिए कर्ज लिया गया था।
सीबीआई और ईडी का शिकंजा
CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले से ही चोकसी के खिलाफ कई मामलों की जांच कर रहे हैं। इस नए मामले में NBW जारी होने पर भारत लाए जाने के बाद चोकसी को केनरा बैंक घोटाले में भी औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जा सकता है।
निष्कर्ष
मेहुल चोकसी के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई इस ओर इशारा करती है कि भारत सरकार और जांच एजेंसियां भगोड़ों के खिलाफ गंभीर हैं। बेल्जियम से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चोकसी को भारत में कई मामलों में पेश होना पड़ेगा, और यदि दोष सिद्ध होता है तो उसे सख्त सजा का सामना करना पड़ सकता है।