Haryana: हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं के समाधान का भरोसा, राज्यपाल से वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने की मुलाकात

Haryana: हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं के समाधान का भरोसा, राज्यपाल से वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने की मुलाकात
चंडीगढ़। हरियाणा में पत्रकारों के हितों की रक्षा और उनकी मौजूदा समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया (WJI) का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय से राजभवन में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों की सुरक्षा, मान्यता, सामाजिक कल्याण और अन्य बुनियादी सुविधाओं से संबंधित मांग-पत्र और सुझाव राज्यपाल को सौंपे। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि पत्रकारों की समस्याओं को हरियाणा सरकार के समक्ष लाया जाएगा और जल्द ही उनके समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय उपाध्याय की देखरेख में राष्ट्रीय सचिव एवं हरियाणा इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार विकास सुखीजा ने किया। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय का पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर स्वागत किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके सहयोग के लिए आभार प्रकट किया।
प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (हरियाणा) एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक कुमार गुप्ता, प्रदेश प्रचार सचिव शिव बत्रा, करनाल जिला प्रभारी जयपाल बंसल, जिला उपाध्यक्ष राजीव मेहता, सह-प्रभारी सुनील शर्मा, सदस्य सन्नी कुमार और तेलंगाना यूनिट के अध्यक्ष राणा प्रताप विशेष रूप से उपस्थित रहे।
राज्यपाल को सौंपे गए मांग-पत्र में पत्रकारों के लिए अलग से मान्यता नीति बनाने की मांग प्रमुख रही, जिससे प्रदेश के सभी सक्रिय पत्रकारों को मान्यता प्राप्त हो सके। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून और एक स्थायी कमेटी का गठन किया जाए। इसके तहत पुलिस द्वारा पत्रकारों पर बिना जांच के केस दर्ज करने पर रोक लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
पत्रकारों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर कैशलेस मेडिकल इंश्योरेंस योजना का लाभ देने, वकीलों की तर्ज पर पत्रकारों को कम से कम 200-200 गज के प्लॉट देने, पत्रकार सम्मान राशि को बढ़ाने और उसे 55 वर्ष की आयु पर प्रदान करने, साथ ही 15 वर्षों से एक संस्थान में कार्यरत पत्रकारों को मान्यता और पेंशन देने की मांगें भी प्रमुख रूप से शामिल रहीं।
प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटल मीडिया, वेब चैनल और कम्युनिटी रेडियो जैसे नए मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्यरत पत्रकारों को भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की श्रेणी में शामिल करने की आवश्यकता जताई। साथ ही प्रदेश के सभी टोल टैक्स पर पत्रकारों को निशुल्क आवागमन की सुविधा दिए जाने की मांग भी रखी गई।
राज्यपाल से यह भी आग्रह किया गया कि मीडिया से संबंधित सरकारी समितियों में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया की हरियाणा इकाई को प्रतिनिधित्व दिया जाए, ताकि जमीनी स्तर पर काम कर रहे पत्रकारों की आवाज प्रभावी रूप से सरकार तक पहुंच सके। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि किसी भी पत्रकार की मृत्यु पर हरियाणा सरकार कम से कम 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे।
इस अवसर पर दिवंगत युवा पत्रकार निखिल के परिवार के लिए भी विशेष सहायता की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को अवगत कराया कि ए-वन करनाल न्यूज में कार्यरत रहे निखिल पुत्र मोहन लाल की हाल ही में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उसके माता-पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि सरकार विशेष रूप से इस परिवार को आर्थिक सहायता दे ताकि उनका जीवन यापन जारी रह सके। इस मानवीय पहल के लिए डब्ल्यू.जे.आई. ने राज्यपाल से सकारात्मक हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से सुना और विश्वास दिलाया कि वे पत्रकारों की समस्याओं और सुझावों को मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के समक्ष रखेंगे और इस दिशा में शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।