Delhi Illegal Slums; दिल्ली में अवैध झुग्गियों पर डीडीए का सख्त एक्शन, कालकाजी के भूमिहीन कैंप को खाली करने का नोटिस जारी

Delhi Illegal Slums; दिल्ली में अवैध झुग्गियों पर डीडीए का सख्त एक्शन, कालकाजी के भूमिहीन कैंप को खाली करने का नोटिस जारी
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी स्थित भूमिहीन (जेजे) कैंप में अवैध रूप से बनी झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। डीडीए ने झुग्गियों पर नोटिस चस्पा कर तीन दिन के भीतर जमीन खाली करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई अदालत के आदेश के तहत की जा रही है, जिसके अनुसार 8 से 10 जून तक अतिक्रमण हटाने और फिर ध्वस्तीकरण अभियान चलाने की योजना है।
डीडीए द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि तय समय सीमा के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो संबंधित निर्माण को बलपूर्वक गिरा दिया जाएगा। यह कार्रवाई इसलिए भी अहम है क्योंकि इसी इलाके में पहले भी मई महीने में अवैध झुग्गियों को हटाया जा चुका है।
कालकाजी एक्सटेंशन क्षेत्र में स्थित इस भूमिहीन कैंप में 1 जनवरी 2015 से पहले से रहने वाले परिवारों की पात्रता की जांच डीयूएसआईबी (DUSIB) नीति के तहत की गई थी। इस प्रक्रिया के दौरान 1,862 परिवारों को पात्र पाया गया और उन्हें सरकारी आवास आवंटित भी कर दिए गए हैं। डीडीए ने इस बात को दोहराया है कि पात्र परिवारों को वैकल्पिक पुनर्वास का लाभ पहले ही दिया जा चुका है, इसलिए अब बचे हुए अवैध कब्जों को हटाना अनिवार्य है।
डीडीए का कहना है कि यह कदम न सिर्फ सरकारी भूमि की वापसी के लिए जरूरी है, बल्कि आसपास के अन्य झुग्गी शिविरों के लिए चल रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने और भविष्य में अतिक्रमण की रोकथाम के लिए भी महत्वपूर्ण है।
अधिकारियों का यह भी कहना है कि यह कार्यवाही किसी को बेघर करने के उद्देश्य से नहीं की जा रही, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिले जो इसके लिए कानूनी रूप से पात्र हैं। आवंटित परिवारों को फ्लैट दिए जा चुके हैं और बाकी लोगों को समय रहते क्षेत्र खाली करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
डीडीए की इस सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि दिल्ली में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अब कठोर कदम उठाए जा रहे हैं, खासकर उन इलाकों में जहां पुनर्वास योजनाएं पहले से सक्रिय हैं। देखना होगा कि आगामी दिनों में यह अभियान कितनी सफलता पाता है और क्या इससे अन्य अतिक्रमित इलाकों में भी कार्रवाई की शुरुआत होती है।