ED Raid: ईडी की छापेमारी पर भूपेश बघेल का तीखा वार, बोले “साहेब ने भेजा”, अदाणी मुद्दे से जोड़कर लगाया बड़ा आरोप

ED Raid: ईडी की छापेमारी पर भूपेश बघेल का तीखा वार: बोले “साहेब ने भेजा”, अदाणी मुद्दे से जोड़कर लगाया बड़ा आरोप
छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह अचानक छापेमारी शुरू की। इस छापे की जानकारी खुद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने लिखा, “ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अदाणी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।”
भूपेश बघेल का यह बयान स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार और उद्योगपति गौतम अदाणी को निशाना बनाता है। उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए कहा कि जब भी सरकार की पोल खुलने वाली होती है, तो ईडी जैसे केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी नेताओं के घर भेज दिया जाता है।
ईडी की यह कार्रवाई राज्य में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग और बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच से जुड़ी बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला लगभग 2161 करोड़ रुपये का है और इसमें कई बड़े नाम शामिल हैं। जांच में पता चला है कि छत्तीसगढ़ में एक संगठित शराब सिंडिकेट वर्षों से सक्रिय था, जिसमें मुख्य भूमिका अनवर ढेबर, वरिष्ठ अफसर अनिल टुटेजा और अन्य लोगों की थी।
ईडी का यह भी दावा है कि इस घोटाले की अवैध कमाई में से बड़ी रकम तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को नकद रूप में दी जाती थी। बताया गया कि यह पूरा घोटाला एक सुनियोजित और मजबूत नेटवर्क के माध्यम से चलाया जा रहा था, जिससे सरकारी तंत्र भी प्रभावित रहा।
हाल ही में, 3 जुलाई को भूपेश बघेल ने रायगढ़ जिले की तमनार तहसील में चल रही कोयला खनन परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का समर्थन किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बिना ग्राम सभा की अनुमति के बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जा रही है और स्थानीय आदिवासी समुदाय की सहमति के बगैर जमीन उद्योगपतियों को दी जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि राज्य सरकार जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा को अदाणी समूह को सौंपने में लगी हुई है।
बघेल के अनुसार, जिस दिन वे विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने वाले थे, उसी दिन उनके आवास पर ईडी का छापा पड़ना संयोग नहीं बल्कि साजिश है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश करार दिया और कहा कि वे ऐसी कार्रवाइयों से डरने वाले नहीं हैं।
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे विपक्ष की आवाज को दबाने की केंद्र सरकार की रणनीति बताया है। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह सबूतों के आधार पर काम करती है।