UP: जानलेवा हमले के 15 साल पुराने मामले में बाहुबली विधायक अभय सिंह समेत 7 आरोपी बरी

यूपी: जानलेवा हमले के 15 साल पुराने मामले में बाहुबली विधायक अभय सिंह समेत 7 आरोपी बरी
लखनऊ हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक अभय सिंह समेत सात आरोपियों को 15 साल पुराने जानलेवा हमले के मामले में बरी कर दिया है। जस्टिस राजन राय की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया, जिसमें अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा। अदालत ने कहा कि एफआईआर में घटना के सटीक समय और हमलावरों की संख्या को लेकर विरोधाभास पाया गया, जिससे आरोपियों को संदेह का लाभ मिला और सभी को बरी कर दिया गया।
15 साल पुराना मामला, जिसमें मिली राहत
यह मामला वर्ष 2009 का है, जब उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में समाजवादी पार्टी के विधायक अभय सिंह और उनके साथियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि अभय सिंह और उनके समर्थकों ने जान से मारने की नीयत से हमला किया था। मामले की जांच के दौरान अभियोजन पक्ष ने कई गवाह पेश किए, लेकिन अदालत ने पाया कि गवाहों के बयानों में लगातार विरोधाभास था।
पहले सजा, अब सभी आरोपी बरी
इससे पहले दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट की डबल बेंच में यह मामला आया था। उस समय जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अलग-अलग राय दी थी। जस्टिस एआर मसूदी ने अभय सिंह समेत पांच आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई थी, जबकि जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इस फैसले के बाद मामला सिंगल बेंच के पास गया, जिसने अब सभी आरोपियों को बरी करने का निर्णय लिया है।
अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में रहा नाकाम
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष हमले के सटीक समय और स्थान को लेकर ठोस प्रमाण पेश नहीं कर सका। एफआईआर और गवाहों के बयानों में काफी विरोधाभास थे, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि हमले में अभय सिंह और अन्य आरोपी शामिल थे या नहीं। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को असंतोषजनक मानते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
अभय सिंह को मिली बड़ी राहत
हाईकोर्ट के इस फैसले से समाजवादी पार्टी के विधायक अभय सिंह को बड़ी राहत मिली है। पिछले 15 वर्षों से यह मामला उनके खिलाफ लंबित था, जिससे उनके राजनीतिक करियर पर असर पड़ रहा था। अदालत के निर्णय के बाद अभय सिंह ने कहा कि यह न्याय की जीत है और उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया था।
अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मामले का पटाक्षेप हो गया है, और अभय सिंह समेत सभी सात आरोपियों को कानूनी राहत मिल गई है।