Israel Iran War: इजरायल के ईरान पर हमले का भारत पर असर: बंद एयरस्पेस के चलते फ्लाइट्स लौटीं वापस, कई डायवर्ट

Israel Iran War: इजरायल के ईरान पर हमले का भारत पर असर: बंद एयरस्पेस के चलते फ्लाइट्स लौटीं वापस, कई डायवर्ट
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और हालिया हमले का सीधा असर अब भारत पर भी नजर आ रहा है। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के कई रणनीतिक और परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। इस सैन्य कार्रवाई के बाद ईरान ने तुरंत अपने हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को सभी विदेशी उड़ानों के लिए बंद कर दिया। इसका व्यापक प्रभाव भारतीय विमानन क्षेत्र पर पड़ा है, जहां अमेरिका, यूरोप और कनाडा की दिशा में उड़ान भरने वाली कई फ्लाइट्स या तो वापस लौट गईं या उन्हें बीच रास्ते से डायवर्ट किया गया।
एयर इंडिया की उड़ानें प्रभावित: लौटाए गए विमान, बदले गए रूट
एयर इंडिया ने इस स्थिति को देखते हुए सुरक्षा कारणों से कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मार्ग बदल दिए हैं। वहीं कुछ उड़ानों को उनके मूल प्रस्थान स्थल पर वापस बुला लिया गया है।
एयर इंडिया की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जिन उड़ानों को डायवर्ट या वापस बुलाया गया है, उनमें शामिल हैं:
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लंदन से मुंबई आ रही फ्लाइट को अब विएना के रास्ते लाया जा रहा है।
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न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट को शारजाह के जरिए भेजा जाएगा।
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न्यूयॉर्क से मुंबई आने वाली फ्लाइट अब जेद्दाह के रास्ते आ रही है।
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लंदन से दिल्ली के लिए रवाना हुई फ्लाइट को मुंबई डायवर्ट कर दिया गया।
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मुंबई से लंदन के लिए रवाना हुई फ्लाइट को बीच रास्ते से वापस मुंबई बुला लिया गया।
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दिल्ली से वॉशिंगटन जा रही फ्लाइट भी दिल्ली लौट आई है।
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दिल्ली से नेवार्क जाने वाली फ्लाइट को भी राजधानी वापस बुला लिया गया।
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वैंकुवर से दिल्ली आने वाली फ्लाइट को जेद्दाह से होकर लाया जाएगा।
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शिकागो से दिल्ली आ रही फ्लाइट को भी जेद्दाह डायवर्ट किया गया है।
भारत के लिए बड़ी चुनौती: सीमित हवाई रास्ते
ईरान का एयरस्पेस बंद होने से भारत को पश्चिमी दिशा में उड़ानों के लिए एक बड़ा झटका लगा है। पहले ही पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक तनाव के कारण भारतीय विमान वहां के हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं कर रहे हैं। अब ईरान का विकल्प भी हट जाने से भारतीय उड़ानों को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है।
इससे दोहरी समस्या उत्पन्न हो गई है – एक तो यात्रियों का सफर लंबा हो रहा है, जिससे वे समय पर गंतव्य नहीं पहुंच पा रहे; दूसरी ओर एयरलाइनों को अधिक ईंधन की खपत और लागत का सामना करना पड़ रहा है। फ्लाइट डिस्टेंस बढ़ने से यात्रियों को भी टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
क्या है आगे की रणनीति?
हालात के मद्देनज़र एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए वैकल्पिक मार्गों पर विचार कर रही हैं। इसके तहत पश्चिम एशिया को पूरी तरह बायपास करते हुए यूरोप और अमेरिका के लिए फ्लाइट्स को मध्य एशिया या दक्षिणी मार्गों से भेजा जाएगा। हालांकि इससे उड़ानों की समय सीमा और लागत दोनों पर असर पड़ेगा।
वहीं, यात्रियों से अपील की जा रही है कि वे अपनी फ्लाइट्स की स्थिति के बारे में एयरलाइन से संपर्क कर लें और यात्रा से पहले आधिकारिक अपडेट की जानकारी लें।
भारत सरकार ने स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और एयर ट्रैफिक कंट्रोल सहित विदेश मंत्रालय के अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। यदि पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ता है तो आने वाले दिनों में और भी उड़ानों को रद्द या डायवर्ट किया जा सकता है।
यह संकट भारत के लिए एक बार फिर याद दिलाता है कि अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक तनावों का सीधा असर सामान्य यात्रियों पर किस तरह पड़ता है।