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Jagdapur Raipur Highway Accident: जगदलपुर-रायपुर हाईवे पर दर्दनाक हादसा, बस की टक्कर में 3 की मौत, 6 घायल

Jagdapur Raipur Highway Accident: जगदलपुर-रायपुर हाईवे पर दर्दनाक हादसा, बस की टक्कर में 3 की मौत, 6 घायल

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर-रायपुर राजमार्ग पर मंगलवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुर्घटना अभनपुर थाना क्षेत्र के केंद्री गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर उस समय हुई जब जगदलपुर से रायपुर की ओर जा रही रॉयल ट्रेवल्स की एक बस (CG 04 E 4060) सामने से आ रहे एक वाहन से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और कई यात्री अंदर ही फंसे रह गए।

हादसे में मृतकों की पहचान अजहर अली (30), बलराम पटेल (46) और बरखा ठाकुर (31) के रूप में हुई है। इनमें दो पुरुष और एक महिला शामिल हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और घायलों को बस से निकाल कर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।

घायलों की पहचान धनीराम सेठिया (30), गणेश्वर प्रसाद बर्मन (49), तेजन यादव (23), भूषण निषाद (21), सुमन देवी (60), और संध्या कुमार (30) के रूप में हुई है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और कुछ को आईसीयू में भर्ती किया गया है।

प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बस दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर चालक की लापरवाही, हाई स्पीड, या सामने से आ रहे वाहन की ग़लती को कारण माना जा रहा है, लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

इस हादसे ने प्रदेश में सड़क सुरक्षा की तैयारियों और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में भोपाल में एक डॉक्टर बेटी की सड़क हादसे में मौत के बाद पूरे मध्यप्रदेश में बसों की सघन चेकिंग शुरू की गई थी, और अब छत्तीसगढ़ में भी ऐसी घटनाएं प्रशासन को चेतावनी दे रही हैं।

दिल्ली में भी एलजी वी.के. सक्सेना ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित इलाज उपलब्ध कराने के लिए नया प्लान स्वीकृत किया है, जिसके तहत अब पुलिस थानों को सीधे अस्पतालों से जोड़ा जाएगा। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना के बाद ‘गोल्डन आवर’ के भीतर पीड़ित को इलाज उपलब्ध कराना है, जिससे मौतों को रोका जा सके।

वहीं, बीजापुर में सरकार के पुनर्वास प्रयासों का असर दिखा जब 23 लाख के इनामी 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। दूसरी ओर, दुर्ग जिले में 50 लाख की चोरी का खुलासा कर पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया और जमीन में छिपाया गया माल भी बरामद किया।

राज्य सरकार को चाहिए कि वह हाईवे और बस सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत बनाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इस दुखद हादसे ने कई परिवारों को गहरा आघात पहुंचाया है और एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सड़क सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

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