देश दुनिया

Ayodhya Kartik Purnima: अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान, आस्था, श्रद्धा और पवित्रता से नहाई रामनगरी, लाखों भक्तों ने सरयू में लगाई डुबकी

Ayodhya Kartik Purnima: अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान, आस्था, श्रद्धा और पवित्रता से नहाई रामनगरी, लाखों भक्तों ने सरयू में लगाई डुबकी

अयोध्या आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भक्ति और श्रद्धा के महासागर में डूबी हुई है। सरयू तट के हर घाट पर सुबह से ही लाखों श्रद्धालु स्नान, व्रत और दान के पुण्य कार्यों में लीन हैं। रामनगरी की हर गली, हर मंदिर और हर घाट पर ‘जय श्रीराम’ और ‘हर-हर सरयू माता’ के जयघोष से वातावरण गूंज रहा है। भोर होते ही भक्तों ने पवित्र डुबकी लगाकर मोक्षदायिनी सरयू माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।
प्रशासन के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा के इस महापर्व पर करीब दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी, और अनुमान से भी अधिक भक्त पहुंचे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। नयाघाट, रामघाट, लक्ष्मणघाट, गुप्तारघाट और चौधरी चरण सिंह घाट सहित सभी प्रमुख स्थानों पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। सुरक्षा बलों के साथ ही सादी वर्दी में पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। घाटों पर विशेष प्रकाश व्यवस्था, अस्थायी स्वास्थ्य शिविर और साफ-सफाई की सतत व्यवस्था की गई है।
नगर निगम ने श्रद्धालुओं के लिए अभूतपूर्व तैयारी की है। घाटों पर महिलाओं के लिए 97 चेंजिंग रूम और कुल 250 बायो टॉयलेट लगाए गए हैं। इसके अलावा 25 स्थानों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है, ताकि कोई असुविधा न हो। तीन शिफ्टों में 250 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वाहन पार्किंग स्थलों और मेला क्षेत्र में भी पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई है। महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी और नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने खुद मेला क्षेत्र का दौरा कर सभी तैयारियों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को साफ-सफाई और सुरक्षा पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए।
मेले की व्यवस्था को तीन जोनों में बांटा गया है। हर जोन में सुपर नोडल अधिकारी और नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है ताकि किसी भी समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके। सरयू के घाटों, राम की पैड़ी, नागेश्वरनाथ मंदिर, ऋणमोचन घाट और संत तुलसीदास घाट की साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कार्तिक पूर्णिमा के धार्मिक महत्व को बताते हुए ज्योतिषाचार्य राकेश तिवारी ने कहा कि यह दिन स्नान, व्रत और दान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। पुराणों में इसे मोक्ष प्रदान करने वाला दिन बताया गया है। इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। यही कारण है कि इस दिन स्नान और दीपदान को विशेष पुण्यदायी माना जाता है। अयोध्या में इस अवसर पर सरयू के तट पर देव दीपावली का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें लाखों दीपों से पूरा आकाश आलोकित हो उठता है।
सिख समुदाय के लिए भी यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। अयोध्या में मौजूद गुरुद्वारों में आज विशेष कीर्तन, सेवा और लंगर के आयोजन किए गए हैं।
रामनगरी में यह मेला 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा के साथ चल रहा है, जिनका आयोजन शांति और श्रद्धा के माहौल में पूरा हुआ। अब कार्तिक पूर्णिमा स्नान इस मेले का समापन पर्व बन गया है, जिसमें आस्था का सागर उमड़ा हुआ है। भक्तों की भीड़, दीपों की झिलमिलाहट और मंत्रों की ध्वनि से अयोध्या आज सचमुच ‘अवध धाम’ के स्वर्गीय स्वरूप में नजर आ रही है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button