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India US Trade War: ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम फिर उजागर, भारत को 25% टैरिफ झटका, पाकिस्तान को राहत

India US Trade War: ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम फिर उजागर, भारत को 25% टैरिफ झटका, पाकिस्तान को राहत

वॉशिंगटन से जारी एक नई टैरिफ सूची के माध्यम से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति नरम नीति और भारत के खिलाफ सख्ती एक बार फिर सामने आई है। 30 जुलाई को घोषित इस सूची में भारत पर जहां 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, वहीं पाकिस्तान को मात्र 19 प्रतिशत शुल्क के साथ बड़ी राहत दी गई है। इस निर्णय को ट्रंप प्रशासन की ‘पारस्परिक व्यापार नीति’ के तहत लिया गया बताया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञ इसे स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाला कदम मान रहे हैं।

ट्रंप के इस फैसले से दोनों देशों के बीच अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर असमानता का सवाल खड़ा हो गया है। एक ओर भारत पर न केवल भारी टैरिफ लगाया गया है, बल्कि रूसी तेल खरीदने को लेकर अमेरिका की नाराजगी भी खुले तौर पर जाहिर की गई है। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों को टैरिफ में भारी कटौती दी गई है। बांग्लादेश का टैरिफ 35% से घटाकर 20% किया गया, जबकि पाकिस्तान पर पहले 29% था, जिसे घटाकर 19% कर दिया गया।

नई टैरिफ नीति के तहत 80 से अधिक देशों की सूची में व्यापक बदलाव किए गए हैं, जो कार्यकारी आदेश की घोषणा के सात दिन बाद से लागू होंगे। व्हाइट हाउस के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ये दरें 7 दिन बाद रात 12 बजे (पूर्वी डेलाइट समय) के बाद गोदाम में प्रवेश या निकासी करने वाले सामान पर लागू होंगी।

कुछ प्रमुख टैरिफ बदलाव:

  • सीरिया: 41% – सर्वाधिक टैरिफ

  • लाओस, म्यांमार: 40%

  • स्विटजरलैंड: 39%

  • इराक, सर्बिया: 35%

  • ब्राजील, ब्रिटेन: 10%

  • न्यूजीलैंड: 15%

  • भारत: 25% (कोई रियायत नहीं)

  • पाकिस्तान: 19% (छूट दी गई)

  • बांग्लादेश: 20% (कमी की गई)

भारत को टैरिफ में कोई राहत न देने और इसके उलट पाकिस्तान को राहत देने से ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताओं को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका-भारत संबंध पहले ही रूस, व्यापार और तकनीकी सहयोग को लेकर तनाव के दौर से गुजर रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी वे कई बार पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखा चुके हैं, चाहे वह अफगानिस्तान नीति हो या भारत-पाकिस्तान संबंधों में मध्यस्थता की पेशकश। अब व्यापार नीति में यह भेदभाव वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति और रणनीतिक साझेदारी को लेकर चिंता बढ़ा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की यह नीति चीन के खिलाफ भारत की भूमिका को कमजोर कर सकती है, वहीं पाकिस्तान को रणनीतिक तौर पर फिर से केंद्र में लाने की कोशिश समझी जा रही है।

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