Nepal Political Crisis: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ FIR दर्ज, देश में तनाव बरकरार

Nepal Political Crisis: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ FIR दर्ज, देश में तनाव बरकरार
काठमांडू: नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट और हिंसक प्रदर्शनों के बीच एक बड़ा कदम उठाया गया है. शनिवार को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ आधिकारिक रूप से एफआईआर दर्ज की गई है. यह कार्रवाई उस समय हुई है जब शुक्रवार को देश की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की ने शपथ ली थी.
नेपाल में 8 सितंबर को शुरू हुए “Gen-Z प्रोटेस्ट” ने देश की राजनीति और प्रशासन को हिला कर रख दिया है. यह विरोध सोशल मीडिया पर बैन लगाने और सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन देखते-देखते यह हिंसक रूप ले बैठा. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में अब तक करीब 50 लोगों की जान जा चुकी है. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर धावा बोलकर कब्जा कर लिया और उसे आग के हवाले कर दिया, जिससे पूरे देश में अफरातफरी का माहौल बन गया.
स्थिति बिगड़ने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई शीर्ष नेता देश छोड़कर चले गए थे. जनता और विपक्ष का आरोप है कि ओली ने संवैधानिक संस्थाओं की अनदेखी की, भ्रष्टाचार फैलाया और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की. इसी पृष्ठभूमि में अब उनके खिलाफ औपचारिक रूप से एफआईआर दर्ज की गई है.
शुक्रवार को सुशीला कार्की ने नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और देश में शांति बहाल करने का वादा किया. लेकिन हालात अभी भी नियंत्रण में नहीं हैं. राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नेपाल की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट नेपाल के लोकतांत्रिक ढांचे और राजनीतिक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती है. अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं. फिलहाल, पूरे देश की निगाहें सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार और केपी शर्मा ओली के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच पर टिकी हैं.