International Women’s Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पीएम मोदी ने महिला वैज्ञानिकों को सौंपी सोशल मीडिया की कमान

International Women’s Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पीएम मोदी ने महिला वैज्ञानिकों को सौंपी सोशल मीडिया की कमान
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नारी शक्ति’ को बधाई देते हुए महिला सशक्तीकरण की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। इस खास मौके पर पीएम मोदी ने घोषणा की कि विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाएं एक दिन के लिए उनका सोशल मीडिया अकाउंट संभालेंगी। इस वर्ष, उन्होंने परमाणु वैज्ञानिक एलिना मिश्रा और अंतरिक्ष वैज्ञानिक शिल्पी सोनी को यह जिम्मेदारी सौंपी।
एलिना मिश्रा और शिल्पी सोनी ने प्रधानमंत्री के एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा, “हम भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारा संदेश यही है कि भारत विज्ञान के लिए सबसे जीवंत स्थान है, और हम अधिक से अधिक महिलाओं को इसे अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।”
उन्होंने लिखा कि “परमाणु और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भारत को नवाचार और विकास के लिए सबसे आकर्षक स्थान बना रही है। भारतीय महिलाओं में असीम प्रतिभा है, और भारत उनके लिए सही मंच प्रदान कर रहा है।”
भुवनेश्वर, ओडिशा की रहने वाली एलिना मिश्रा ने अपने पोस्ट में बताया कि वह एक शिक्षित परिवार से आती हैं, जहां विज्ञान को सीखने के लिए अनुकूल वातावरण मिला। उनके पिता उनके प्रेरणास्रोत रहे, जिनसे उन्होंने शोध के लिए मेहनत और समर्पण सीखा।
एलिना ने बताया कि उनका चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), मुंबई में हुआ, जहां उन्होंने लो एनर्जी हाई इंटेंसिटी प्रोटॉन एक्सेलेरेटर (LEHIPA) परियोजना में योगदान दिया। उन्होंने फर्मी नेशनल एक्सेलेरेटर लेबोरेटरी, शिकागो की PIP-II परियोजना के लिए कई महत्वपूर्ण मैग्नेट भी डिजाइन किए, जो अब बीमलाइन का हिस्सा हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए उन्होंने एक हल्का, पोर्टेबल और कम लागत वाला मैग्नेटिक इमेजिंग सिस्टम विकसित किया, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं आसानी से पहुंचाई जा सकती हैं।
मध्य प्रदेश के सागर जिले से आने वाली शिल्पी सोनी ने अपने पोस्ट में लिखा कि वह एक साधारण पृष्ठभूमि से हैं, लेकिन उनका परिवार हमेशा से सीखने और नवाचार को महत्व देता था।
शिल्पी ने बताया कि उन्होंने DRDO में काम करने के बाद इसरो (ISRO) में प्रवेश किया, जो उनके लिए सपने के सच होने जैसा था। बीते 24 वर्षों में, उन्होंने 35 से अधिक संचार और नेविगेशन मिशनों में RF और माइक्रोवेव तकनीक के विकास में योगदान दिया है।
उन्होंने बताया कि इसरो ने अत्यधिक जटिल और सुरक्षित स्पेस ट्रैवलिंग वेव ट्यूब तकनीक को सफलतापूर्वक स्वदेशी रूप से विकसित किया है, जो केवल कुछ ही देशों के पास उपलब्ध है। शिल्पी फिलहाल GSAT-22/23 संचार पेलोड परियोजना में एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं।
एलिना और शिल्पी ने कहा, “हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अनंत दुनिया को बेहद रोमांचक मानते हैं। जब हमारे द्वारा डिजाइन और विकसित की गई प्रणालियां काम करती हैं, तो हमें जो संतुष्टि मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट से अपने अनुभव साझा करते हुए भारतीय महिलाओं को विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।