देश दुनिया

Assam Flood 2025: असम में बाढ़ की स्थिति में हल्का सुधार, अब तक 30 की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी

Assam Flood 2025: असम में बाढ़ की स्थिति में हल्का सुधार, अब तक 30 की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी

गुवाहाटी, 10 जुलाई – असम में भीषण बाढ़ के कारण बनी भयावह स्थिति में गुरुवार को थोड़ी राहत देखने को मिली, लेकिन हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हुए हैं। राज्य में प्रभावित जिलों की संख्या घटकर अब पाँच रह गई है, जबकि बाढ़ से जान गंवाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 30 हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, गोलाघाट जिले में एक और व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है, जिससे वर्ष 2025 की बाढ़ से जुड़ी कुल मौतें 30 हो चुकी हैं। इनमें से छह मौतें भूस्खलन की वजह से हुई हैं।

गोलाघाट जिला इस समय राज्य का सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है। यहां मोरोंगी राजस्व क्षेत्र में लगभग 23,000 से अधिक लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। लगातार जलस्तर बढ़ने और नदी के किनारों के टूटने के कारण हजारों परिवारों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन बल और स्वयंसेवकों की सहायता से बचाव कार्य दिन-रात चल रहा है।

राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाढ़ की वजह ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “हमारी सरकार हर ज़रूरतमंद तक राहत पहुंचाने, सुरक्षित बचाव और त्वरित पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रही है।”

इस समय गोलाघाट, नागांव, होजई, कार्बी आंगलोंग और जोरहाट जिलों के 14 राजस्व क्षेत्रों में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है, जिनमें कुल 175 गाँव जलमग्न हो चुके हैं। 5,000 से अधिक लोग 38 राहत शिविरों में रह रहे हैं और अतिरिक्त 24 राहत वितरण केंद्र सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। यह हालात ऐसे समय में आए हैं जब प्रदेश के कई हिस्सों में धान और सब्जियों की खेती चरम पर है—बाढ़ ने अब तक लगभग 3,386 हेक्टेयर कृषि भूमि को तबाह कर दिया है। साथ ही 87 मवेशियों की मौत की पुष्टि हुई है।

विशेष रूप से, धनसिरी नदी का जलस्तर गोलाघाट और नुमालीगढ़ में खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। नदी के तेज बहाव के कारण तटबंध टूटने का खतरा भी बना हुआ है।

राज्य के कई हिस्सों में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने, बिजली के खंभों के गिरने और पुलों के टूटने की खबरें सामने आई हैं, जिससे आवागमन और बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। स्कूलों को बंद किया गया है और कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवा बाधित हुई है।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में मलेरिया, डायरिया और अन्य जलजनित बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने विशेष टीमें तैनात की हैं जो राहत शिविरों में चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही हैं।

हालांकि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में बारिश में थोड़ी कमी आने की संभावना जताई है, फिर भी राज्य प्रशासन अलर्ट पर है और ज़रूरी संसाधनों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है।

यह स्पष्ट है कि असम एक बार फिर प्रकृति की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। राज्य सरकार, आपदा प्रबंधन बल और आम नागरिकों का यह साझा प्रयास ही है जो राहत पहुंचाने में सहायक बन रहा है। मगर स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालिक बाढ़ प्रबंधन रणनीति की आवश्यकता को अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button