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Cargo Ship Fire: समंदर में बह रहा कंटेनर शिप वॉन हाई 503, ब्लास्ट के बाद नियंत्रण से बाहर – कोस्ट गार्ड और नौसेना राहत अभियान में जुटी

Cargo Ship Fire: समंदर में बह रहा कंटेनर शिप वॉन हाई 503, ब्लास्ट के बाद नियंत्रण से बाहर – कोस्ट गार्ड और नौसेना राहत अभियान में जुटी

कोच्चि, 4 जून 2025 – अरब सागर में सोमवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब सिंगापुर फ्लैग वाला एक कंटेनर शिप WAN HAI 503 अचानक विस्फोट के बाद आग की चपेट में आ गया और नियंत्रण से बाहर हो गया। कंटेनर जहाज पर यह ब्लास्ट उस समय हुआ जब वह कोलंबो पोर्ट से मुंबई की ओर जा रहा था। भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और नौसेना ने त्वरित एक्शन लेते हुए अब तक 22 में से 18 क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया है, जबकि 4 अभी भी लापता हैं। राहत और तलाशी अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

यह हादसा केरल के अझिक्कल तट से करीब 44 नॉटिकल मील (करीब 82 किमी) और कोच्चि से 130 नॉटिकल मील (करीब 240 किमी) उत्तर-पश्चिम दिशा में समुद्र के बीच हुआ। सुबह 9:30 बजे कंटेनर शिप से आपातकालीन कॉल कोच्चि में स्थित भारतीय तटरक्षक बल को मिली। कॉल में बताया गया कि जहाज पर जोरदार धमाके के बाद आग लग गई है और इंजन पूरी तरह बंद हो गया है। जहाज समुद्र की लहरों में नियंत्रण के बाहर बह रहा है।

जहाज पर सवार 22 क्रू मेंबर्स में से अधिकांश विदेशी नागरिक हैं। तटरक्षक बल ने तुरंत डॉर्नियर एयरक्राफ्ट, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और तेजगति से चलने वाली इंटरसेप्टर बोट्स को रवाना किया। साथ ही, भारतीय नौसेना भी ऑपरेशन में शामिल हो गई है और क्षेत्र की निगरानी के लिए जहाजों और विमानों को तैनात किया गया है।

WAN HAI 503 पर हुई यह घटना भारतीय समुद्री सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद गंभीर मानी जा रही है। यह इलाका भारतीय एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन (EEZ) में आता है, जिसकी निगरानी भारतीय नौसेना करती है, जबकि तट से 16 किलोमीटर तक के क्षेत्र की जिम्मेदारी भारतीय तटरक्षक बल पर होती है। तटरक्षक बल “वयं रक्षामह” (हम रक्षा करते हैं) के आदर्श वाक्य के साथ समुद्र में हर प्रकार की आपदा, अवैध गतिविधि और विदेशी जहाजों की आवाजाही पर सतर्क रहती है।

वर्तमान में समुद्री हवाएं तेज़ हैं और समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं, जिससे राहत कार्य में काफी बाधाएं आ रही हैं। हालांकि, कोस्ट गार्ड और नौसेना की टीमें हरसंभव प्रयास कर रही हैं कि जहाज को नियंत्रित किया जा सके और लापता चार लोगों को जल्द खोज निकाला जाए। इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि जहाज में कोई खतरनाक या विषैला पदार्थ तो नहीं था, जो पर्यावरणीय संकट का कारण बन सकता है।

जहाज को तट पर खींचने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विस्फोट का कारण क्या था – तकनीकी खराबी, विस्फोटक सामग्री या कोई संभावित टक्कर।

रक्षा सूत्रों का कहना है कि अगर जहाज में लगे टैंक या कंटेनर में और विस्फोट होते हैं, तो यह एक बड़े समुद्री संकट में बदल सकता है। इसीलिए एहतियातन तटीय क्षेत्रों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और सभी मछुआरों और निजी जहाजों को इलाके से दूर रहने का निर्देश जारी किया गया है।

यह घटना समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारतीय एजेंसियों की तत्परता की एक और मिसाल बनकर उभरी है। आने वाले दिनों में हादसे की विस्तृत जांच के बाद ही यह तय हो पाएगा कि दोष किसका था और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है।

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