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NIA Investigation Kashmir: श्रीनगर में एनआईए की एंट्री, डाचीगाम मुठभेड़ और पहलगाम हमले की जांच में जुटी टीम, ऑपरेशन ‘महादेव’ बना आतंक के खिलाफ बड़ा मोर्चा

NIA Investigation Kashmir: श्रीनगर में एनआईए की एंट्री, डाचीगाम मुठभेड़ और पहलगाम हमले की जांच में जुटी टीम, ऑपरेशन ‘महादेव’ बना आतंक के खिलाफ बड़ा मोर्चा

कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष टीम मंगलवार को श्रीनगर पहुंची। इस टीम का उद्देश्य हाल ही में डाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास हरवन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ की जांच करना है। यह वही मुठभेड़ है जिसमें पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान उर्फ आसिफ समेत तीन आतंकवादी मारे गए थे। मारे गए अन्य दो आतंकियों की पहचान जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में की गई है।

एनआईए की टीम सुबह ही श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) पहुंची और तत्परता से जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी। टीम के सदस्यों ने दो से तीन अलग-अलग समूहों में बंटकर गवाहों और संबंधित सुरक्षा बलों से पूछताछ की, ताकि यह पूरी तरह सुनिश्चित किया जा सके कि मारे गए आतंकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह भी शामिल है।

डाचीगाम के मुलनार क्षेत्र में सोमवार को सेना के विशिष्ट पैरा कमांडो दस्ते ने एक गुप्त अभियान चलाया था, जिसे ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया गया। इस ऑपरेशन की योजना उस समय बनाई गई जब जांच एजेंसियों को यह सूचना मिली कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम नरसंहार के बाद फरार आतंकी सैटेलाइट फोन के ज़रिए कश्मीर घाटी में ही छिपे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। यह घटना देशभर में सनसनी का कारण बनी थी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने 7 मई को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी लॉन्चपैड्स के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।

एनआईए टीम की जांच के अलावा, खुफिया एजेंसियों को यह भी संकेत मिले हैं कि इलाके में आतंकियों का एक और समूह अभी भी सक्रिय है। इसके मद्देनजर डाचीगाम और आसपास के जंगल क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के साथ जुड़े कुछ और आतंकी भागकर इन इलाकों में छिपे हो सकते हैं।

जांच में जुटे अधिकारियों ने यह भी पुष्टि की है कि मारा गया आतंकी जिब्रान वही है, जो पिछले वर्ष अक्टूबर में गगनगीर क्षेत्र में सोनमर्ग सुरंग परियोजना पर हुए आतंकी हमले में शामिल था। उस हमले में एक डॉक्टर समेत सात लोग मारे गए थे, जिससे परियोजना स्थल पर दहशत का माहौल बन गया था।

मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के शव सोमवार देर रात श्रीनगर पीसीआर लाए गए, जहां उनकी पहचान और फोरेंसिक परीक्षण किया जा रहा है। एनआईए के अधिकारियों की उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि केंद्र सरकार इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

घाटी में चल रहे इन अभियानों ने आतंकियों की कमर तोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। स्थानीय नागरिक भी अब सुरक्षाबलों को सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे कड़े कदमों से कश्मीर में आतंकवाद को करारा जवाब मिल रहा है।

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