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Delhi air pollution: नोएडा में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई, दिल्ली में बीएस-3 और पुराने वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित, सीमाओं पर जांच तेज

Delhi air pollution: नोएडा में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई, दिल्ली में बीएस-3 और पुराने वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित, सीमाओं पर जांच तेज

नोएडा, 1 नवम्बर 2025 — राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बड़ा कदम उठाया है। अब नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के लगभग 1.37 लाख बीएस-3 और उससे पुराने वाहनों का दिल्ली में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह आदेश शनिवार से प्रभावी हो गया है। आदेश लागू होने के बाद से ही दिल्ली सीमा पर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने विशेष जांच अभियान तेज कर दिया है।

एआरटीओ प्रशासन नंदकुमार ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में करीब सवा लाख बीएस-3 या उससे कम मानक वाले वाहन पंजीकृत हैं। इन वाहनों को अब दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। केवल बीएस-6 मानक वाले बाहरी राज्यों के वाहन ही दिल्ली में आ-जा सकेंगे। विभाग ने वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कोई बीएस-3 वाहन दिल्ली की सीमा पार करते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

शनिवार को एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे के नेतृत्व में चिल्ला बॉर्डर, कालिंदी कुंज और डीएनडी फ्लाईवे पर व्यापक जांच अभियान चलाया गया। टीमों ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पंजीकृत वाहनों की बारीकी से जांच की। अधिकांश वाहन बीएस-4 या उससे ऊपर की श्रेणी के मिले, लेकिन कई वाहनों में प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUC) और रोड टैक्स दस्तावेजों में खामियां पाई गईं। विभाग ने 12 से अधिक वाहनों के चालान किए और एक वाहन को सीज किया गया।

डॉ. पांडे ने बताया कि जिन वाहनों का प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र नहीं था, उन पर ₹10,000 का चालान किया गया। कई चालकों ने स्वीकार किया कि उनके पीयूसी की अवधि हाल ही में समाप्त हुई थी। अधिकारियों ने ऐसे चालकों को चेतावनी दी कि वे तुरंत अपने वाहन की जांच कराएं, अन्यथा दोबारा पकड़े जाने पर वाहन जब्त किया जा सकता है।

वहीं गाजियाबाद आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की संयुक्त टीमें दिल्ली सीमा पर निगरानी जारी रखेंगी। केवल वही वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे जो प्रदूषण और दस्तावेजों के मानकों का पालन करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान न केवल वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहन अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में न चलें। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने वाहनों की नियमित जांच कराएं और निर्धारित पर्यावरण मानकों का पालन करें, ताकि प्रदूषण स्तर को कम किया जा सके और स्वच्छ हवा बनाए रखी जा सके।

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