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Surat Fire: सूरत राज टेक्सटाइल मार्केट में भीषण आग, आठवीं मंजिल तक दुकानें खाक, फायर ब्रिगेड का 3.5 घंटे चला विशाल ऑपरेशन

Surat Fire: सूरत राज टेक्सटाइल मार्केट में भीषण आग, आठवीं मंजिल तक दुकानें खाक, फायर ब्रिगेड का 3.5 घंटे चला विशाल ऑपरेशन

सूरत के पर्वत पाटिया क्षेत्र में स्थित राज टेक्सटाइल मार्केट में बुधवार सुबह लगी भीषण आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया और आसपास के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अफरा-तफरी फैल गई। मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर से उठी यह आग कुछ ही मिनटों में इतनी भयंकर हो गई कि उसने ऊपरी मंजिलों को अपनी आगोश में ले लिया और देखते ही देखते आठवीं मंजिल तक पहुंचकर कई दुकानों को राख के ढेर में बदल दिया। घटना के समय मार्केट में मौजूद कई व्यापारी और कर्मचारी घबराकर बाहर भागे, जबकि आसपास के लोगों में भी डर और चिंता का माहौल बन गया।

सुबह ठीक 7:14 बजे फायर कंट्रोल रूम में आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद डुम्भाल, मान दरवाजा और डिंडोली फायर स्टेशन से दमकल गाड़ियां तुरंत मौके की ओर रवाना कर दी गईं। लेकिन जैसे ही फायर टीमों ने देखा कि इलेक्ट्रिक डक्ट के जरिए घना धुआं पूरी बिल्डिंग में तेजी से फैल रहा है, तुरंत ब्रिगेड कॉल जारी किया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुल 22 फायर स्टेशनों की टीमों को स्थल पर तैनात किया गया। इस दौरान सूरत महानगरपालिका के कॉरपोरेटर, चीफ फायर ऑफिसर और प्रशासकीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य का नेतृत्व किया।

चीफ फायर ऑफिसर बसंत पारिक ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि दमकल कर्मियों को कई मंजिलों पर धुएं और आग में फंसे हिस्सों तक पहुंचने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 100 से 125 फायर फाइटर्स ने जान जोखिम में डालकर इमारत में प्रवेश किया और बिना रुके करीब 3.5 घंटे तक ऑपरेशन चलाया, तब जाकर आग को नियंत्रित किया जा सका। आग की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इमारत के कई हिस्सों में तापमान अचानक बढ़ गया था और कपड़े के ढेरों, इलेक्ट्रिक वायरिंग और अन्य ज्वलनशील सामग्री ने आग को और भड़काने का काम किया।

फायर डिपार्टमेंट की शुरुआती जांच के अनुसार, इलेक्ट्रिकल वायरिंग में शॉर्ट सर्किट आग लगने की मुख्य वजह हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक मुख्य इलेक्ट्रिक सप्लाई को बंद किया गया, तब तक वायरिंग के जरिए आग तीन से चार मंजिलों तक फैल चुकी थी। इमारत में बड़ी मात्रा में कपड़ा, धागा और अन्य सामग्री होने से आग और धुआं तेजी से फैलते गए और स्थिति को नियंत्रित करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया।

फायर विभाग ने इमारत को अभी पूरी तरह सुरक्षित घोषित नहीं किया है और कूलिंग ऑपरेशन जारी है, क्योंकि कई दुकानों में अब भी धुआं और हल्की चिंगारियां मौजूद हैं। राहत की बात यह रही कि इस पूरे हादसे में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, हालांकि करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि हादसा और बड़ा हो सकता था, लेकिन दमकल विभाग की तत्परता ने भारी हानि को टाल दिया।

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