Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड में बादल फटने से हाहाकार: चमोली और रुद्रप्रयाग में तबाही, चंबा में 7 की मौत, अलकनंदा-मंदाकिनी नदियां उफान पर

Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड में बादल फटने से हाहाकार: चमोली और रुद्रप्रयाग में तबाही, चंबा में 7 की मौत, अलकनंदा-मंदाकिनी नदियां उफान पर
उत्तराखंड एक बार फिर बादल फटने और लगातार हो रही बारिश के कारण प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। पहाड़ों पर आफत बरस रही है और चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के मोपाटा गांव में बादल फटने की घटना से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज़ बहाव और भारी मलबे ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया है।
लापता लोग, घायल और मवेशियों की मौत की आशंका
इस घटना में स्थानीय ग्रामीण तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं। वहीं विक्रम सिंह और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें उपचार के लिए पास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। हादसे में एक गौशाला पूरी तरह मलबे में दब गई, जिसमें 15 से 20 मवेशियों के फंसे होने की आशंका है। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव अभियान शुरू किया, लेकिन दुर्गम क्षेत्र और लगातार हो रही बारिश के कारण रेस्क्यू कार्यों में भारी बाधाएं आ रही हैं।
चंबा में 7 की मौत, मोबाइल नेटवर्क ठप
उधर, भारी बारिश से प्रभावित चंबा क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आई है। यहां बादल फटने और भूस्खलन के चलते 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी इलाकों में धंसान के कारण कई जगह मोबाइल नेटवर्क और संचार सेवाएं भी ठप हो गई हैं।
अलकनंदा-मंदाकिनी नदियां उफान पर
लगातार बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां भी उफान पर हैं। कई जगह नदी किनारे बसे गांवों में पानी भर गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन के कारण यातायात ठप है और कई वाहन फंसे हुए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में हालात गंभीर हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को राहत कार्यों में तेजी लाने और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए हैं। धामी ने कहा कि वह खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं। साथ ही उन्होंने बाबा केदार से सभी की कुशलता की प्रार्थना की।
प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, लेकिन पहाड़ों पर बरसती आफत लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ा रही है।