Delhi High Court: उदयपुर फाइल्स की रिलीज़ को मिली कोर्ट से हरी झंडी, हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज

Delhi High Court: उदयपुर फाइल्स की रिलीज़ को मिली कोर्ट से हरी झंडी, हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज
नई दिल्ली: दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या पर आधारित फिल्म “उदयपुर फाइल्स” अब तय कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे फिल्म के प्रदर्शन का रास्ता साफ हो गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने साफ शब्दों में कहा कि एक बार फिल्म केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से प्रमाणित हो जाए, तो उस पर प्रतिबंध लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता। अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में असमर्थ रहा कि उसके पक्ष में कोई प्रथम दृष्टया मामला बनता है, जिससे फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की जरूरत पड़े।
निर्माताओं को भारी नुकसान की आशंका
पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि फिल्म के निर्माता ने इस प्रोजेक्ट में अपनी जीवन भर की कमाई लगा दी है। यदि फिल्म रिलीज़ नहीं होती, तो उन्हें अपूरणीय वित्तीय क्षति उठानी पड़ेगी। न्यायालय ने अंतरिम राहत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि फिल्म में याचिकाकर्ता का नाम नहीं लिया गया है, न ही सीधे तौर पर उसकी भूमिका का चित्रण किया गया है। फिल्म के निर्माताओं ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर 55 कट और 6 संशोधन किए हैं और एक स्पष्ट अस्वीकरण भी जोड़ा गया है।
जावेद की दलीलें और कोर्ट की प्रतिक्रिया
फिल्म पर रोक की मांग करने वाले आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने दलील दी कि इस फिल्म की सामग्री आरोपपत्र से मिलती-जुलती है और यह उनके मुवक्किल की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने इसे निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए कहा कि ऐसी फिल्मों के रिलीज से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। लेकिन अदालत ने इस दलील को नकारते हुए कहा कि फिल्म की रिलीज निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांत को बाधित नहीं करती।
सरकार और CBFC का पक्ष
सरकार और सेंसर बोर्ड की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि फिल्म को प्रमाणित करने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की गईं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उच्चतम स्तर पर विचार करने के बाद प्रमाणन को मंजूरी दी है, और सभी जरूरी निर्देशों का पालन किया गया है।
फिल्म निर्माता का बचाव
निर्माताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि याचिकाकर्ता का फिल्म की विषयवस्तु से कोई सीधा संबंध नहीं है। फिल्म में उसका नाम तक नहीं है, और सभी आवश्यक संशोधन पहले ही किए जा चुके हैं। उन्होंने दलील दी कि फिल्म पर रोक से निर्माता को गहरी आर्थिक क्षति होगी, जिसने अपनी पूरी जमा पूंजी इस परियोजना में लगा दी है।
न्यायिक प्रक्रिया जारी
हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया है, लेकिन पीठ ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फिल्म के प्रमाणन के आदेश के खिलाफ दायर मुख्य याचिका पर नोटिस जारी कर मंत्रालय से जवाब मांगा है। यह नोटिस आगामी सुनवाई की प्रक्रिया का हिस्सा होगा, लेकिन फिलहाल फिल्म की रिलीज़ पर कोई रोक नहीं रहेगी।
फिल्म पर अब तक की प्रक्रिया
बुधवार को केंद्रीय मंत्रालय ने जावेद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी की पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि फिल्म की विषयवस्तु आरोपी के खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
अब सिनेमाघरों में होगी रिलीज
इस फैसले के बाद फिल्म “उदयपुर फाइल्स” अब तय तारीख पर बड़े पर्दे पर रिलीज़ होगी, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि प्रमाणन प्रक्रिया को पार कर चुकी किसी फिल्म पर अदालत तब तक रोक नहीं लगाएगी, जब तक कोई ठोस और प्रथम दृष्टया उल्लंघन सिद्ध न हो।