राजनीति

Exclusive: क्या राजनीति में आना चाहते हैं बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री? बोले- ‘मैं नेताओं से…’

Pandit Dhirendra Shastri On Politics: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री किसी न किसी बात को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. पिछले कुछ दिनों के दौरान उन्होंने देश के विकास से लेकर राजनीतिक पहलुओं समेत कई मसलों पर अलग-अलग बयान दिए हैं. इन पहलुओं पर उन्होंने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत की. जानें क्या कहा?

बागेश्श्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुंदेलखंड को लेकर कहा कि यह इलाका बहुत पिछड़ा है. यही वजह है कि यहां पर हमने लोगों के लिए अस्पताल और मंदिर बनाने का फैसला लिया है. इस क्षेत्र के लोगों के दुख, हमारे निजी दुख हैं. हम सनातन धर्म का पालन करने हुए वसुदैव कुटुम्बकम की नीति चलते हैं. इस नीति के तहत ही हम यहां पर अच्छे कामों को आगे बढ़ाएंगे.

 

सियासी मसले पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “मेरा नेतागिरी करने का कोई प्लान नहीं है. कार्यक्रमों में नेताओं को बुलाना कोई बुरी बात नहीं है. देश को आगे बढ़ाने के लिए वो भी एक बहुत बड़ा प्रभावी साधन हैं. ऐसा भी कोई नहीं है जो नेताओं से अछूता है. धर्म नीति और राजनीति दो ही हैं, जो पूरे विश्व को चलाने का काम करती हैं.”

 निमंत्रण स्वीकार कर पीएम ने अचंभित किया

उन्होंने आगे कहा, “अस्पताल बनाने और मंदिर बनाने के काम में हाथ बंटाने के लिए हमने सबको आमंत्रण दिया है. हमने प्रधानमंत्री से बोला कि आपको हम निमंत्रण दे रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि हां, हम देखते हैं और अगले दिन ही उन्होंने हां कर दी. उन्होंने सहजता से हमारे निमंत्रण को स्वीकार कर मुझे अचंभित किया है. ये उनका विनम्र स्वभाव है. साथ ही उनका सनातन के प्रति उनका समर्पण है. यह बहुत अच्छी बात है कि वो सबको निजी तौर पर जानते हैं.”

‘कुंभ की व्यवस्था से ज्यादा आस्था पर भरोसा’ 

प्रयागराज महाकुंभ को लेकर पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कुंभ के बारे में हम व्यवस्था से ज्यादा आस्था पर भरोसा रखते हैं. किसी को मंदिर दिखाई देता है तो किसी को मस्जिद का गुंबद दिखाई देता है.

पश्चिमी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी बातों से और उनके बयानों से ऐसा लगता है कि वह कट्टर हिंदू विरोधी हैं. मुझे मुसलमानों से कोई दिक्कत नहीं है. अगर ऐसा होता तो हम रहीम रसखान को स्वीकार नहीं करते. शायद हम APJ अब्दुल कलाम को स्वीकार नहीं करते.

हमें उन लोगों से दिक्कत है जो गजवा ए हिन्द चाहते हैं. हमें उन लोगों से दिक्कत है जो सर तन से जुदा चाहते हैं. मुझे उन लोगों से भी दिक्कत है जो कानून को हाथों में उठाकर राम के होने का सबूत मान मांगते हैं.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button