S. Jaishankar: भारत-चीन संबंधों में सुधार, लेकिन चुनौतियां बरकरार: एस जयशंकर

S. Jaishankar: भारत-चीन संबंधों में सुधार, लेकिन चुनौतियां बरकरार: एस जयशंकर
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से भारत और चीन के संबंधों में कुछ सुधार हुआ है और दोनों देश इसके विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में भारत और चीन के बीच हुए सीमा गतिरोध से संबंधों को गहरा आघात पहुंचा था, लेकिन अब स्थिति को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एशिया सोसाइटी के क्यूंग-वा कांग के साथ बातचीत में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन 2020 में किए गए कार्यों के कारण हुए नुकसान को कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1962 के युद्ध के बाद दोनों देशों को संबंध सामान्य करने में लंबा समय लगा था और 1988 के बाद संबंधों में संतुलन बना था, हालांकि सीमा विवाद अब भी पूरी तरह हल नहीं हो सका है।
जयशंकर ने कहा कि 2020 में हुए संघर्ष से पहले भारत और चीन के बीच सीमा पर शांति बनी हुई थी, लेकिन उस वर्ष की घटनाओं ने रिश्ते में गहरा असर डाला। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा समझौतों की अवहेलना और सैनिकों की तैनाती ने तनाव बढ़ाया, जिससे भारत को सैन्य प्रतिक्रिया देनी पड़ी। हालांकि, भारत ने बातचीत को भी प्राथमिकता दी और अब दोनों देश संबंधों को पुनर्स्थापित करने के प्रयास कर रहे हैं।
विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन इसे संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मतभेदों को विवाद न बनने देना और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में न बदलने देना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2024 में कज़ान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दे के समाधान और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने पर चर्चा की थी।
जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच निकट भविष्य में कुछ मुद्दे बने रहेंगे, लेकिन उन्हें हल करने के सही तरीके अपनाने होंगे। उन्होंने माना कि 2020-2025 की अवधि दोनों देशों के लिए चुनौतीपूर्ण रही है और अब रिश्तों को सुधारने की जरूरत है।