Myanmar Earthquake: म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भीषण तबाही, बैंकॉक में इमरजेंसी लागू

Myanmar Earthquake: म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भीषण तबाही, बैंकॉक में इमरजेंसी लागू
दक्षिण पूर्व एशिया में शुक्रवार को दो भीषण भूकंप आए, जिससे थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक और पड़ोसी म्यांमार में कई इमारतें हिल गईं। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई इमारतें भरभराकर गिर गईं और कई लोग लापता हो गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, म्यांमार में आए पहले भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जो 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया। इसके 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा भूकंप दर्ज किया गया।
बैंकॉक में भूकंप का असर इतना भयावह रहा कि कई ऊंची इमारतों की छतों पर बने स्वीमिंग पूल का पानी बाहर आ गया, और इमारतों से मलबा गिरने लगा। इसके चलते बैंकॉक को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया। मेट्रो सेवाएं बंद कर दी गईं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग रोक दी गई, और एयरपोर्ट तथा सबवे को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
भूकंप से थाईलैंड में अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 43 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत के जमींदोज होने से कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है, लेकिन भारी मलबे के कारण राहतकर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
म्यांमार के मांडलेय शहर में भूकंप से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। शहर के कई मंदिर और बौद्ध स्थल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राजधानी नेपीता में भी धार्मिक स्थलों और मकानों को नुकसान पहुंचा है। USGS ने अनुमान लगाया है कि इस आपदा में हजारों लोगों की जान जा सकती है।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा ने भूकंप के प्रभाव का आकलन करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। बैंकॉक के ग्रेटर क्षेत्र की आबादी 1.7 करोड़ से अधिक है, जिनमें से कई लोग ऊंची इमारतों वाले अपार्टमेंट में रहते हैं। भूकंप के झटकों के बाद इमारतों के अलार्म बजने लगे और हजारों लोगों को बाहर निकाल लिया गया।
बैंकॉक में एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत के ढहने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लोग चीखते-चिल्लाते नजर आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, वे बैंकॉक के चटुचक मार्केट के पास स्थित घटनास्थल पर राहत कार्य कर रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इमारत गिरने के समय वहां कितने श्रमिक मौजूद थे।
भूकंप का केंद्र म्यांमार के मोनीवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) पूर्व में था। भूकंप के कारण दोनों देशों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है, और राहत कार्यों के बावजूद हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।