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 Ghaziabad Encounter: शहीद सौरभ देशवाल: कर्तव्य की वेदी पर बलिदान देने वाला बहादुर सिपाही

 Ghaziabad Encounter: शहीद सौरभ देशवाल: कर्तव्य की वेदी पर बलिदान देने वाला बहादुर सिपाही

गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नहाल गांव में रविवार देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में नोएडा क्राइम ब्रांच में तैनात सिपाही सौरभ देशवाल ने अपनी जान देश की रक्षा में कुर्बान कर दी। मूल रूप से शामली जनपद के गांव बधेव निवासी सौरभ वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। उनकी शहादत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है। ग्रामीण, परिजन और परिचित गमगीन माहौल में उनके घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

घटना की शुरुआत रविवार की देर रात उस समय हुई जब नोएडा क्राइम ब्रांच और फेस-3 थाना पुलिस की टीम गाजियाबाद के नहाल गांव में एक कुख्यात बदमाश कादिर उर्फ मंटर को पकड़ने के लिए दबिश देने पहुंची। पुलिस टीम ने जैसे ही कादिर को उसके घर से गिरफ्तार किया, वैसे ही उसके साथियों और परिजनों ने पुलिस पर अचानक हमला बोल दिया। भारी पथराव और फायरिंग में नोएडा क्राइम ब्रांच के बहादुर सिपाही सौरभ देशवाल को सिर में गोली लग गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि कादिर, जो पहले से वांछित अपराधी था, नहाल गांव का ही निवासी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए नोएडा पुलिस रात 12 बजे मसूरी पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही थी, तभी यह दुखद घटना हुई। हालांकि पुलिस ने बाद में घेराबंदी करके भाग रहे कादिर को पकड़ लिया।

शहीद सौरभ देशवाल के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और बड़े भाई रजत हैं। रजत खेती-बाड़ी करते हैं और गांव में ही रहते हैं। सौरभ की शादी वर्ष 2020 में हुई थी और वे नोएडा में पत्नी के साथ रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं है। महज एक माह पहले वे अपने गांव आए थे और जल्द ही दोबारा आने का वादा भी किया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जैसे ही परिवार को इस दुखद समाचार की सूचना मिली, बड़े भाई रजत गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए।

आज दोपहर बाद शहीद सिपाही सौरभ देशवाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बधेव लाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में ग्रामीण और आसपास के लोग इकट्ठा हो रहे हैं। गांव में हर कोई उनकी बहादुरी को याद कर रहा है और नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है।

इस घटना से यह साफ होता है कि अपराध से लड़ रही पुलिस को किस तरह की गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सौरभ देशवाल जैसे जांबाजों की वजह से ही समाज में कानून का राज कायम रहता है। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

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