Lalu Yadav RJD : 13वीं बार RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने लालू प्रसाद यादव, निर्विरोध हुआ चयन, 5 जुलाई को होगी औपचारिक ताजपोशी

Lalu Yadav RJD : 13वीं बार RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने लालू प्रसाद यादव, निर्विरोध हुआ चयन, 5 जुलाई को होगी औपचारिक ताजपोशी
पटना, 24 जून 2025: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव एक बार फिर पार्टी के शीर्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। यह उनका लगातार 13वां कार्यकाल होगा। पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वी ने सोमवार को यह घोषणा की और बताया कि 5 जुलाई को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लालू प्रसाद यादव को औपचारिक रूप से निर्वाचन पत्र सौंपा जाएगा।
इस बार अध्यक्ष पद के लिए केवल लालू यादव ने ही नामांकन दाखिल किया था। तय समय तक न तो किसी और ने नामांकन किया, न ही लालू ने अपना नाम वापस लिया। चुनाव प्रक्रिया के अनुसार सोमवार दोपहर दो बजे तक नाम वापसी की समय-सीमा समाप्त होने के बाद उन्हें निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया।
लालू प्रसाद यादव की ताजपोशी पार्टी के लिए केवल एक औपचारिकता भर है, क्योंकि वे शुरू से ही RJD की पहचान और दिशा तय करते आए हैं। उनका राजनीतिक अनुभव, जमीनी पकड़ और सामाजिक न्याय की विचारधारा उन्हें पार्टी के भीतर अटूट नेता के रूप में स्थापित करती है। वे बिहार की राजनीति में अब भी एक मजबूत धुरी माने जाते हैं, चाहे सक्रिय राजनीति में उनकी भूमिका सीमित हो।
लालू यादव का फिर से अध्यक्ष बनना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण है। इससे खासकर उन क्षेत्रों में पार्टी को संबल मिलेगा जहां लालू यादव का परंपरागत जनाधार आज भी प्रभावशाली है। आरजेडी अब लालू यादव के नेतृत्व में आगामी चुनावी रणनीतियों की दिशा तय करने में जुट जाएगी।
लालू यादव के लिए यह कार्यकाल विशेष इसलिए भी है क्योंकि पार्टी को अब अगले लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसनी है और बिहार में सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए संगठन को मजबूती देना है। साथ ही तेजस्वी यादव के नेतृत्व को भी आगे लाने और पीढ़ी परिवर्तन को संतुलित करने की चुनौती उनके सामने है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी में किसी तरह की प्रतिस्पर्धा न होना यह दर्शाता है कि लालू यादव की पकड़ अब भी अडिग है। हालांकि, उनकी अगली राजनीतिक चालें यह तय करेंगी कि पार्टी भविष्य में किस दिशा में बढ़ेगी—क्या वह परंपरागत वोटबैंक को बनाए रखने में सफल होगी या नए मतदाताओं को भी जोड़ पाएगी।
5 जुलाई को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक अब सिर्फ अध्यक्ष की ताजपोशी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उसमें पार्टी की चुनावी दिशा, संगठनात्मक बदलाव, और सहयोगी दलों के साथ गठबंधन की रणनीति पर भी विचार किया जा सकता है।
लालू यादव के फिर से अध्यक्ष बनने से यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय जनता दल अब भी उन्हें अपना सर्वोच्च नेता मानती है और आने वाले समय में भी वे पार्टी की विचारधारा और कार्यशैली के केंद्र में बने रहेंगे।