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Uttarakhand Rain Disaster: उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर: वायुसेना के दो जवानों की मौत, भूस्खलन में 9 लोग लापता, चारधाम यात्रा ठप

Uttarakhand Rain Disaster: उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर: वायुसेना के दो जवानों की मौत, भूस्खलन में 9 लोग लापता, चारधाम यात्रा ठप

देहरादून, 4 जुलाई 2025 — उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भीमताल की एक झील में भारतीय वायुसेना के दो जवानों की डूबने से मौत हो गई, जबकि राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन की वजह से कम से कम नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। बारिश से 100 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं और चारधाम यात्रा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

भीमताल में हुए इस हादसे में जान गंवाने वाले वायुसेना कर्मियों की पहचान प्रिंस यादव (22), निवासी पठानकोट, पंजाब और साहिल कुमार (23), निवासी मुजफ्फरपुर, बिहार के रूप में हुई है। दोनों जवान नैनीताल घूमने आए वायुसेना के आठ सदस्यीय दल का हिस्सा थे, जिसमें चार महिलाएं भी शामिल थीं। क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह के अनुसार, स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से एक घंटे के बचाव अभियान के बाद दोनों के शव झील से निकाले गए।

इस बीच, सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच भूस्खलन के कारण केदारनाथ जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। मलबे और टूटी हुई सड़क के कारण दोनों ओर से यातायात ठप है। रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी इलाके में यमुना नदी के जलस्तर में आई अचानक बढ़ोतरी से बनी झील का पानी घरों और होटलों में घुसने लगा है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल पूरे राज्य में 109 सड़कें अवरुद्ध हैं। यमुनोत्री जाने वाला राजमार्ग सिलाई मोड़ पर भारी भूस्खलन की वजह से पांच दिनों से ठप पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि यहां नौ लोग मलबे में लापता हो गए हैं और 12 मीटर सड़क बह चुकी है। ओजरी और बनास जैसे क्षेत्रों में यमुनोत्री मार्ग पूरी तरह टूट चुका है।

हरिद्वार में गंगा, चमोली में अलकनंदा, नंदाकिनी और पिंडर, उत्तरकाशी में भागीरथी, और पिथौरागढ़ में काली, गोरी तथा सरयू नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। प्रशासन ने लाउडस्पीकरों से अलर्ट जारी करते हुए नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर केदारनाथ और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी ली। धामी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि केंद्र सरकार की आपातकालीन एजेंसियों NDRF और ITBP को तैनात कर दिया गया है और स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता महावीर पंवार ‘माही’ ने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र राहत सामग्री, खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जाएं, ताकि लोगों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

उत्तराखंड में इस वक्त हालात बेहद चिंताजनक हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और जलभराव ने आम जनजीवन को संकट में डाल दिया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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