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Hidma Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा में टॉप नक्सल कमांडर हिडमा का खात्मा, पत्नी सहित 6 नक्सली ढेर—नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

Hidma Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा में टॉप नक्सल कमांडर हिडमा का खात्मा, पत्नी सहित 6 नक्सली ढेर—नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले से नक्सल मोर्चे पर सबसे बड़ी खबर सामने आई है। भारत के सबसे ख़तरनाक और सबसे अधिक तलाशे जाने वाले नक्सली कमांडरों में शामिल माडवी हिडमा को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। यही नहीं, उसकी दूसरी पत्नी राजे उर्फ़ राजक्का भी इसी मुठभेड़ में मारी गई। हिडमा पर 50 लाख रुपये का इनाम था और वह पिछले दो दशकों से सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था।
सुरक्षा एजेंसियों ने पुष्टि की है कि सुकमा-आंध्र प्रदेश सीमा पर अल्लूरी सीताराम जिले के घने जंगलों में चल रहे ऑपरेशन के दौरान कुल छह नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मुठभेड़ अब भी जारी है और इलाके में व्यापक कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ग्रेहाउंड्स समेत कई विशेष बल इस अभियान में संयुक्त रूप से शामिल हैं।
एर्राबोर थाना क्षेत्र के घने जंगलों में नक्सलियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद लगातार रुक-रुककर गोलीबारी होती रही। इस मुठभेड़ में हिडमा का मारा जाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऐतिहासिक सफलता माना जा रहा है, क्योंकि हिडमा पिछले वर्षों में कई बड़े और खूनी नक्सली हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड रहा था।
कौन था हिडमा?—दो दशकों से बस्तर का सबसे खूंखार नक्सली
संतोष, जिसे नक्सली दुनिया में हिडमा के नाम से जाना जाता था, बस्तर का सबसे कुख्यात उभरता चेहरा था। 1981 में सुकमा जिले के पूवर्ति गांव में जन्मा हिडमा, CPI (माओवादी) की सबसे युवा सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। वह PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था—नक्सलियों की सबसे घातक यूनिट, जो अब तक सुरक्षा बलों पर अनेक बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार रही।
हिडमा बस्तर क्षेत्र से सेंट्रल कमेटी में शामिल होने वाला अकेला आदिवासी भी था। इसका स्थानीय भूगोल पर असाधारण पकड़, रणनीतिक नेतृत्व और अतिवादी हिंसक ऑपरेशनों की योजना बनाने की क्षमता के कारण वह लगातार सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर रहा।
हिडमा की दूसरी पत्नी राजे, जिसे राजक्का के नाम से भी जाना जाता था, कई नक्सली ऑपरेशनों में सक्रिय भूमिका निभाती रही थी। मुठभेड़ में उसका भी मारा जाना नक्सल संगठन के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
वे बड़े हमले जिनका मास्टरमाइंड था हिडमा
2010 दंतेवाड़ा हमला — 76 CRPF जवानों की शहादत, नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा हमला
2013 झीरम घाटी नरसंहार — 27 लोग मारे गए, जिनमें कई शीर्ष कांग्रेसी नेता शामिल
2021 सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ — 22 सुरक्षा कर्मी शहीद
• कुल 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों में हिडमा की सीधी भूमिका रही
इन हमलों ने हिडमा को देश का सबसे वांछित नक्सली बना दिया था। उसके संगठनात्मक कौशल, खुफिया नेटवर्क और जंगल-आधारित गुरिल्ला रणनीतियों ने सुरक्षा बलों को लगातार चुनौती दी।
ऑपरेशन जारी—जंगलों में बढ़ाई गई सुरक्षा चौकसी
सुरक्षा बल अभी भी इलाके में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं। कई वरिष्ठ नक्सल कैडरों के भी मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। नक्सल संगठन पर यह बड़ा हमला आने वाले समय में इसके ढांचे और हिंसक गतिविधियों पर गंभीर असर डालेगा।
हिडमा का खात्मा बस्तर में नक्सल विरोधी लड़ाई का सबसे निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि इस ऑपरेशन का प्रभाव आने वाले महीनों में दिखाई देगा और माओवादी नेटवर्क की पकड़ कमजोर होगी।

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