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Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बादल फटने से मची भारी तबाही, 4 की मौत, 50 से अधिक लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बादल फटने से मची भारी तबाही, 4 की मौत, 50 से अधिक लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक बेहद दर्दनाक और भयावह खबर सामने आई है, जहां मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 1:50 बजे भटवाड़ी तहसील के थाना हर्षिल क्षेत्र अंतर्गत धराली गांव में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचा दी। खीर गंगा नदी में अचानक बादल फटने के बाद जलस्तर तेज़ी से बढ़ गया, जिससे पूरे इलाके में मलबे के साथ बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।

तेज बहाव के साथ आए मलबे ने धराली गांव के बाजार, रिहायशी भवनों, होटलों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। चंद मिनटों में ही पूरा इलाका तबाही के मंजर में बदल गया। सड़कों पर कीचड़ और मलबा बिखर गया, कई मकान ध्वस्त हो गए, और लोग चीख-पुकार करते हुए इधर-उधर भागते नजर आए।

अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है, जिनके शव मलबे से बरामद किए गए हैं। वहीं 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश युद्धस्तर पर की जा रही है। इस आपदा ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है और अनेक लोग अपने परिजनों से बिछुड़ गए हैं।

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। उत्तराखंड पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), सेना और आईटीबीपी की टीमें मौके पर पहुंचकर बचाव कार्यों में जुट गई हैं। प्रभावित इलाके को चारों ओर से घेरकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। घायलों को हेलीकॉप्टर और स्ट्रेचर के जरिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने यह भी कहा कि लापता लोगों की शीघ्र खोजबीन की जाए और घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

इस क्षेत्र में खराब मौसम और दुर्गम भू-भाग के कारण राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं, लेकिन प्रशासन और बचाव टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं कि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।

घटना के बाद से पूरे उत्तरकाशी जिले में शोक और दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं और खुद भी मलबा हटाने में प्रशासन की मदद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग लगातार अपडेट साझा कर रहे हैं और अपनों की तलाश कर रहे हैं।

उत्तरकाशी में बादल फटने की यह घटना एक बार फिर से उत्तराखंड के संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति असुरक्षा को उजागर करती है। लगातार बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन के कारण इस प्रकार की घटनाएं अब और अधिक गंभीरता से ली जा रही हैं।

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