Modern Mir Jafar :मॉडर्न मीर जाफर’: ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी के बयान पर भड़के अमित मालवीय, शेयर की आसिम मुनीर संग मर्ज फोटो

Modern Mir Jafar :मॉडर्न मीर जाफर’: ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी के बयान पर भड़के अमित मालवीय, शेयर की आसिम मुनीर संग मर्ज फोटो
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जहां सरकार और सेना की सराहना हो रही है, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रियाएं राजनीतिक घमासान का कारण बन गई हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राहुल की पाकिस्तान से जुड़ी कथित टिप्पणियों और ऑपरेशन पर सवाल उठाने की प्रवृत्ति को देशविरोधी करार देते हुए उन्हें ‘मॉडर्न युग का मीर जाफर’ कहा है।
अमित मालवीय ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें आधा चेहरा राहुल गांधी का और आधा चेहरा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का मिलाकर दिखाया गया है। इस फोटो के साथ मालवीय ने तंज कसते हुए लिखा, “राहुल गांधी नए युग के मीर जाफर हैं। उन्हें निशान-ए-पाकिस्तान कब मिल रहा है?”
मालवीय ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने न तो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भारतीय सेना को बधाई दी और न ही पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के ध्वस्त किए जाने पर कोई सकारात्मक टिप्पणी की। इसके विपरीत, राहुल बार-बार यह पूछते नजर आए कि भारत ने इस संघर्ष में कितने एयरक्राफ्ट गंवाए। मालवीय के मुताबिक, इस सवाल का जवाब पहले ही डीजीएमओ की ब्रीफिंग में स्पष्ट रूप से दिया जा चुका है।
बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की कि इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट्स को नष्ट किया गया या आतंकी ठिकानों पर कितनी हानि हुई। मालवीय ने इसे राहुल गांधी की “पाकिस्तानपरस्त सोच” बताया और कहा कि वे बार-बार ऐसी भाषा बोलते हैं जो सीमापार के एजेंडे को मजबूत करती है।
गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के भीतर आतंकियों के लॉन्च पैड और ट्रेनिंग कैंपों को निशाना बनाते हुए बड़ी कार्रवाई की थी। यह ऑपरेशन बेहद सफल माना गया और इसका देश-विदेश में व्यापक प्रचार हुआ। इसके बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से इस ऑपरेशन के आंकड़ों और नुकसान के विवरण की मांग की थी, जिसे बीजेपी ने ‘राष्ट्रविरोधी रुख’ करार दिया है।
राहुल गांधी की इस आलोचना पर सोशल मीडिया में भी तीखी बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर उनके समर्थक इसे पारदर्शिता की मांग कह रहे हैं, वहीं विरोधी इसे सेना के मनोबल को गिराने वाला बयान मान रहे हैं।