देश दुनिया

Bhopal Army Range: भोपाल आर्मी फायरिंग रेंज में दर्दनाक हादसा: ट्रेनिंग के दौरान डमी बम गिरने से हवलदार विजय सिंह की मौत

Bhopal Army Range: भोपाल आर्मी फायरिंग रेंज में दर्दनाक हादसा: ट्रेनिंग के दौरान डमी बम गिरने से हवलदार विजय सिंह की मौत

भोपाल, 24 जून 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित आर्मी फायरिंग रेंज में एक गंभीर और दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। ड्रोन से बम गिराने की ट्रेनिंग के दौरान एक भारी डमी बम हवलदार विजय सिंह के सिर पर गिर गया, जिससे उनकी मौके पर ही हालत नाजुक हो गई। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह हादसा सुखी सेवनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत घटित हुआ।

सेना द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान मंगलवार को ड्रोन से लगभग 4 किलो वजनी लोहे का डमी बम छोड़ा गया। बम तय स्थान पर न गिरकर नीचे खड़े हवलदार विजय सिंह पर आ गिरा। इतनी ऊंचाई से गिरने की वजह से बम सीधे उनके सिर पर लगा और वे वहीं पर गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।

घटना के तुरंत बाद हमीदिया अस्पताल में उनका पोस्टमार्टम कराया गया और फिर पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव, उत्तराखंड रवाना कर दिया गया। हवलदार विजय सिंह के असामयिक निधन से पूरे सैन्य बल और उनके गांव में शोक की लहर फैल गई है।

सुखी सेवनिया थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने बताया कि यह हादसा सेना के आधिकारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत हुआ जब ड्रोन तकनीक से बम गिराने का अभ्यास चल रहा था। हालांकि इस्तेमाल किया गया बम डमी यानी नकली था, लेकिन वह लोहे का बना हुआ था और वजन में काफी भारी था। इससे यह जानलेवा हादसा हो गया।

फिलहाल, पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक तौर पर इसे एक प्रशिक्षण के दौरान हुआ दुर्भाग्यपूर्ण हादसा माना जा रहा है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है—क्या सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा था, बम गिरने की दिशा का अनुमान कैसे चूका, और मौके पर सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्थाएं थीं। सेना की ओर से भी इस घटना की आंतरिक जांच किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

हवलदार विजय सिंह के शौर्य और सेवाभाव को श्रद्धांजलि दी जा रही है। इस हादसे ने एक बार फिर सैन्य अभ्यास के दौरान सुरक्षा मानकों की गंभीरता को रेखांकित कर दिया है। ऐसे हादसे, चाहे प्रशिक्षण के दौरान ही क्यों न हों, सैन्य बलों के लिए मानसिक और भावनात्मक आघात बन जाते हैं।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button