West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में फिर communal तनाव: मंदिर में तोड़फोड़ के बाद हिंसा, भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, कई गिरफ्तार

West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में फिर communal तनाव: मंदिर में तोड़फोड़ के बाद हिंसा, भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, कई गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई है। दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला इलाके में कथित तौर पर एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ और पत्थरबाजी के बाद दो समुदायों के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते हालात हिंसक हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, कई वाहन फूंक डाले और इलाके में अराजकता फैल गई।
पुलिस के मुताबिक घटना के बाद अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसा फैलाने वालों की पहचान कर उनकी तलाश जारी है। इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और BNSS की धारा 163 लागू कर दी गई है, जो गंभीर स्थिति में पुलिस को विशेष अधिकार देती है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब कुछ लोगों ने कथित रूप से महेशतला के रवींद्रनगर क्षेत्र में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की। इसके बाद भारी संख्या में लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ ने सड़कों पर टायर जलाए, पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया। हालात उस वक्त और बिगड़े जब रवींद्रनगर पुलिस स्टेशन के बाहर पुलिस अधिकारियों पर छतों से ईंटें फेंकी गईं और पथराव किया गया।
पथराव में एक महिला कांस्टेबल समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि एक पुलिस अधिकारी की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की टुकड़ियों को भी मौके पर तैनात किया गया है।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि रवींद्रनगर में घंटों तक हिंदू समुदाय के साथ लूटपाट, आगजनी और हिंसा होती रही, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है और केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग दोहराई है।
घटना के बाद महेशतला और उसके आसपास के क्षेत्रों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाहों और भड़काऊ संदेशों के चलते स्थिति और अधिक संवेदनशील बनी हुई है।
राज्य सरकार ने फिलहाल इंटरनेट सेवाएं बंद करने पर विचार नहीं किया है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों से भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
यह घटना उस समय सामने आई है जब राज्य पहले से ही मुर्शिदाबाद में हुई हालिया सांप्रदायिक झड़पों से उबरने की कोशिश कर रहा है। लगातार बढ़ती ऐसी घटनाएं राज्य में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।