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Kamal Haasan Rajya Sabha: राज्यसभा में कमल हासन की एंट्री: डीएमके गठबंधन से सियासी सफर को मिली नई दिशा

Kamal Haasan Rajya Sabha: राज्यसभा में कमल हासन की एंट्री: डीएमके गठबंधन से सियासी सफर को मिली नई दिशा

नई दिल्ली: दिग्गज अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम (MNM) पार्टी के प्रमुख कमल हासन ने शुक्रवार को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में सदस्य के रूप में शपथ लेकर अपने राजनीतिक जीवन में एक नया अध्याय शुरू किया। संसद भवन में आयोजित एक विशेष सत्र के दौरान कमल हासन ने तमिल भाषा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यह उनका संसद में पहला आधिकारिक पद है और 2018 में अपनी राजनीतिक पार्टी की स्थापना के बाद उनकी पहली विधायी भूमिका भी है।

कमल हासन की राज्यसभा में एंट्री केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत भी है। एमएनएम और डीएमके (DMK) के बीच 2024 में हुए गठबंधन के बाद यह माना जा रहा है कि 2026 के आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में यह साझेदारी और भी प्रभावशाली रूप ले सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में एमएनएम ने स्वयं चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि डीएमके के नेतृत्व वाले सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस (SPA) का समर्थन किया। इस गठबंधन ने तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटें जीतकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया था।

राज्यसभा में कमल हासन के साथ डीएमके के तीन अन्य सांसद—रजति, एस.आर. शिवलिंगम और पी. विल्सन—ने भी शपथ ली, और खास बात यह रही कि सभी ने तमिल भाषा को ही शपथ के लिए चुना, जिससे तमिल पहचान और भाषा को प्रमुखता दी गई। यह कदम न केवल क्षेत्रीय संस्कृति के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि तमिलनाडु की राजनीति में क्षेत्रीय भावनाओं की अहमियत को भी दर्शाता है।

शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कमल हासन ने कहा, “मैं बहुत गर्वित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह संसद के मंच का उपयोग जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के लिए करेंगे। कमल हासन का यह रुख बताता है कि वह केवल प्रतीकात्मक नेता नहीं बनना चाहते, बल्कि गंभीर और जिम्मेदार भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

गुरुवार को तमिलनाडु के छह राज्यसभा सांसदों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद यह बदलाव हुआ है। अब राज्यसभा में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व एक नए चेहरे और ताजगी के साथ शुरू हो रहा है। एमएनएम के लिए यह अवसर अपने राजनीतिक प्रभाव को राष्ट्रीय स्तर तक विस्तार देने का भी संकेत है।

2019 के लोकसभा चुनाव में एमएनएम ने लगभग 4% वोट प्राप्त किए थे, और 2021 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने कुछ हद तक जन समर्थन हासिल किया, हालांकि खुद कमल हासन को कोयंबटूर साउथ सीट से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब डीएमके के साथ उनका गठबंधन और राज्यसभा में उनकी नियुक्ति उन्हें एक नई राजनीतिक धार दे सकती है।

तमिलनाडु की राजनीति में यह गठजोड़ आने वाले वर्षों में बड़ी भूमिका निभा सकता है। कमल हासन जैसे लोकप्रिय और बौद्धिक व्यक्तित्व की राज्यसभा में उपस्थिति से यह उम्मीद की जा रही है कि वह क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर एक सशक्त आवाज बन सकते हैं।

 

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