Jhalawar School Collapse: झालावाड़ स्कूल हादसे पर बोले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर: हजारों जर्जर स्कूलों पर जताई चिंता, घायलों को राहत प्राथमिकता

Jhalawar School Collapse: झालावाड़ स्कूल हादसे पर बोले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर: हजारों जर्जर स्कूलों पर जताई चिंता, घायलों को राहत प्राथमिकता
राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह सरकारी स्कूल की छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस त्रासदी में अब तक 6 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। हादसा झालावाड़ के मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलदा गांव स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में उस वक्त हुआ, जब बच्चे कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक छत का बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया और 30 से अधिक बच्चे मलबे में दब गए। ग्रामीणों, स्कूल स्टाफ और स्थानीय प्रशासन की तत्परता से मलबा हटाया गया और सभी बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
इस दर्दनाक घटना पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही दुखद और पीड़ादायक हादसा है। उन्होंने बताया कि वे भरतपुर में थे, लेकिन हादसे की सूचना मिलते ही उन्होंने अपना दौरा तत्काल रद्द कर दिया और झालावाड़ रवाना हो गए। रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता घायल बच्चों को उचित और तत्काल इलाज उपलब्ध कराना है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मैं स्वयं भी घटनास्थल का निरीक्षण करूंगा और पीड़ित परिवारों से मिलूंगा।”
मंत्री मदन दिलावर ने प्रदेश में स्कूल भवनों की खस्ता हालत पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने स्वीकार किया कि राजस्थान में हजारों स्कूल भवन जर्जर स्थिति में हैं और यह एक बड़ा खतरा बन चुके हैं। उन्होंने बताया, “सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और पहले ही 200 करोड़ रुपये की राशि स्कूलों की मरम्मत के लिए मंजूर की जा चुकी है। काम चरणबद्ध तरीके से हो रहा है। लेकिन प्रदेशभर में एकसाथ सभी भवनों की मरम्मत करना संभव नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्कूल भवनों की हालत बेहद खराब है, वहां पहले से बच्चों को बैठाने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे भवनों की पहचान कर उन्हें तुरंत खाली कराया जा रहा है। सरकार लगातार फील्ड से रिपोर्ट्स मंगवा रही है और स्थिति की निगरानी की जा रही है।
मदन दिलावर ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सरकार विशेष सतर्कता बरतेगी और एक स्थायी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके तहत सभी सरकारी स्कूलों की इमारतों का निरीक्षण, ऑडिट और मरम्मत की प्रक्रिया समय-समय पर सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए आवश्यक बजट भी रखा जाएगा।
हादसे के बाद सामाजिक संगठनों, स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों में रोष है। उनका कहना है कि बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से सभी स्कूलों की इमारतों का तत्काल निरीक्षण कराने और असुरक्षित भवनों को बंद करने की मांग की है। कई संगठनों ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार को पहले से स्कूल भवनों की हालत पता थी, तो समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई।