Kolkata Law College Rape: टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का विवादित बयान: “दोस्त ही दोस्त का रेप करे तो क्या किया जा सकता है?” — गैंगरेप मामले में बढ़ा सियासी तूफान

Kolkata Law College Rape: टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का विवादित बयान: “दोस्त ही दोस्त का रेप करे तो क्या किया जा सकता है?” — गैंगरेप मामले में बढ़ा सियासी तूफान
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार मामले ने राज्य की राजनीति में उबाल ला दिया है। घटना ने जहां राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी के एक विवादित बयान ने आग में घी डालने का काम किया है।
24 वर्षीय लॉ छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में हुए कथित गैंगरेप की खबर सामने आने के बाद राज्यभर में आक्रोश का माहौल है। रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रा को कॉलेज के छात्रसंघ कार्यालय के पास स्थित गार्ड रूम में बुलाया गया, जहां 31 वर्षीय पूर्व छात्र और पेशे से वकील मनोजित मिश्रा ने कथित रूप से बलात्कार किया। पीड़िता ने बताया कि उस दौरान दो अन्य छात्र—जैब अहमद (19) और प्रमित मुखोपाध्याय (20)—भी मौके पर मौजूद थे और उन्होंने मदद की।
घटना को लेकर मेडिकल जांच में पीड़िता की बातों की पुष्टि भी हुई है। शरीर पर बल प्रयोग, खरोंच, काटने के निशान और गंभीर चोटें पाई गईं हैं। पीड़िता के अनुसार, उसे कमरे में बंद कर उसके सिर पर हॉकी स्टिक से मारा गया, और पैनिक अटैक के दौरान बड़ी मुश्किल से इनहेलर दिया गया। यहां तक कि उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई।
मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा को लेकर एक और बड़ा आरोप सामने आया है—वह टीएमसी की छात्र इकाई TMCP से जुड़ा हुआ था। पीड़िता ने अपनी शिकायत में उसे TMCP का “अनौपचारिक प्रमुख” बताया और कहा कि कॉलेज में सभी उसकी बात मानते थे।
घटना को लेकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर यह पता लगाने की कोशिश शुरू की है कि क्या घटना का वीडियो बनाया गया था, जैसा कि पीड़िता ने दावा किया है।
इस पूरे मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब श्रीरामपुर से टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा, “अगर एक दोस्त अपनी ही दोस्त के साथ रेप करता है तो क्या किया जा सकता है? क्या पुलिस स्कूलों में बैठाई जाएगी? सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है?” उन्होंने आगे कहा, “बलात्कार करने वाले पुरुषों के विकृत मानसिकता के खिलाफ महिलाओं को खुद लड़ना चाहिए।”
बनर्जी के इस बयान को विपक्षी दलों—भाजपा, वाम मोर्चा, कांग्रेस और एआईडीएसओ—ने बेहद असंवेदनशील और शर्मनाक करार दिया। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस बयान को महिला विरोधी बताते हुए राज्यव्यापी विरोध की घोषणा की और आरोपी मनोजित मिश्रा के टीएमसी नेताओं के साथ संबंधों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। इनमें मिश्रा को सांसद अभिषेक बनर्जी और राज्य की स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के साथ देखा जा सकता है।
जब कल्याण बनर्जी से आरोपियों और टीएमसी की छात्र इकाई के संबंध पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने अपराध को राजनीति से अलग बताते हुए कहा, “जो अपराधी है, उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन किसी की पुरानी पार्टी पृष्ठभूमि से अपराध को जोड़ना सही नहीं।”
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि सरकार पीड़िता की पीड़ा का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कानून अपना काम करेगा। वहीं उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने संसद में ‘अपराजिता बिल’ को पास नहीं होने दिया, जो बलात्कारियों को मृत्युदंड देने की व्यवस्था करता है।
इधर, TMCP के राज्य अध्यक्ष त्रिणांकुर भट्टाचार्य ने आरोपियों के साथ संगठन के संबंधों को नकारते हुए कहा कि 2019 के बाद से दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में उनकी इकाई निष्क्रिय है और मिश्रा 2022 के बाद किसी पद पर नहीं था। फिर भी उन्होंने स्वीकार किया कि जो भी दोषी है, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।
इस घटना ने जहां छात्र सुरक्षा, राजनीति और संस्थागत जवाबदेही को एक बार फिर से केंद्र में ला दिया है, वहीं सांसद कल्याण बनर्जी का बयान यह दर्शाता है कि शीर्ष स्तर पर भी संवेदनशीलता की भारी कमी है। लोगों में यह सवाल गूंज रहा है—अगर नेता ही यह कहें कि “क्या किया जा सकता है”, तो फिर आम महिलाओं की रक्षा कौन करेगा?