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Bahraich Man Eater: बहराइच में आदमखोर का खौफ, पांच दिन में 4 हमले, 3 मौतें, ड्रोन से निगरानी तेज

Bahraich Man Eater: बहराइच में आदमखोर का खौफ, पांच दिन में 4 हमले, 3 मौतें, ड्रोन से निगरानी तेज

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर जानवर का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कैसरगंज तहसील के कई गांवों में पिछले पांच दिनों के भीतर चार अलग-अलग हमले हो चुके हैं, जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई है और छह से अधिक लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में तीन महीने की बच्ची और चार साल की मासूम भी शामिल हैं। गांवों में डर का ऐसा माहौल है कि लोग रात में घर से बाहर निकलने से भी परहेज कर रहे हैं।

सबसे ताजा घटना बाबनपुरवा गांव की है, जहां 55 वर्षीय शिव प्यारी पर आदमखोर जानवर ने हमला कर दिया। वह रात में अपनी गाय को चारा डालने गई थीं, तभी हमलावर आया और उन्हें घसीटते हुए ले जाने लगा। शोर सुनकर गांव वाले लाठियां लेकर पहुंचे और किसी तरह उनकी जान बचाई गई। हालांकि, शिव प्यारी गंभीर रूप से घायल हो गईं और उन्हें बहराइच मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। गांव वालों का कहना है कि रात में बिजली न होने के कारण आदमखोर के लिए हमला करना आसान हो जाता है। इसके अलावा इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में दो घंटे तक लग जाते हैं।

कुछ दिनों पहले परागपुरवा गांव में भी एक चार साल की बच्ची आदमखोर का शिकार बन गई। बच्ची अपने परिवार के साथ खाना खा रही थी कि तभी अचानक अंधेरे का फायदा उठाकर जानवर आ पहुंचा और उसे मुंह से पकड़कर खेतों की तरफ ले गया। परिवार और गांव वालों ने पीछा किया, लेकिन अंधेरे के कारण उसे बचा नहीं सके। अगली सुबह बच्ची का शव खेत में मिला, जिसके हाथ और पैर जानवर ने खा लिए थे।

गांव वालों का कहना है कि पिछले कई दिनों से यह हमला करने वाला जानवर कभी भेड़िया तो कभी तेंदुआ नजर आता है। इस खौफ के बीच वन विभाग ने गांवों में पिंजड़े लगाए हैं, जिनमें खरगोश को चारे के रूप में रखा जा रहा है ताकि आदमखोर को फंसाया जा सके। वहीं, स्थानीय लोग भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए अनोखे तरीके अपना रहे हैं। एक बोलेरो गाड़ी में दो लाउडस्पीकर लगाकर बॉलीवुड गानों की धुन बजाई जा रही है ताकि लोगों को सतर्क किया जा सके और आदमखोर को डराया जा सके। बच्चों को घर पर रहने और ग्रामीणों को अकेले कहीं न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।

वन विभाग ने अब बड़े स्तर पर ऑपरेशन शुरू किया है। भोपाल और बंगाल से दो विशेषज्ञ टीमों को बुलाया गया है, जो थर्मल ड्रोन की मदद से घनी बस्तियों और जंगलों में आदमखोर की तलाश कर रही हैं। गश्ती दलों ने संवेदनशील स्थानों पर कैमरे और पिंजड़े लगाए हैं, ताकि जानवर की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। फॉरेस्ट रेंजर ओंकार यादव ने बताया कि पैदल गश्ती दल पगमार्क और अन्य सबूतों को खोजकर आदमखोर की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।

बहराइच के गांवों में इस आदमखोर के खौफ ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग न तो रात को खेतों में जा पा रहे हैं और न ही बच्चे घर से बाहर निकल रहे हैं। अब पूरा गांव इस इंतजार में है कि कब वन विभाग और विशेषज्ञ टीम इस खतरे को खत्म कर लोगों को राहत दिला पाएंगे।

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