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UPI service Down: भारत में एक बार फिर डाउन हुई UPI सेवा, लाखों यूजर्स और व्यापारी हुए प्रभावित

UPI service Down: भारत में एक बार फिर डाउन हुई UPI सेवा, लाखों यूजर्स और व्यापारी हुए प्रभावित

शनिवार की सुबह एक बार फिर भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवा ठप हो गई, जिससे डिजिटल भुगतान पर निर्भर लाखों यूजर्स और व्यापारी परेशान हो उठे। Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान एप्लिकेशनों के माध्यम से लेन-देन करने की कोशिश कर रहे लोगों को इस तकनीकी समस्या के चलते बार-बार असफल ट्रांजेक्शन का सामना करना पड़ा।

यह अचानक आई खराबी ऐसे समय पर सामने आई है जब भारत में डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग चरम पर है, और लोग रोजमर्रा की खरीदारी से लेकर बड़े व्यवसायिक लेन-देन तक, सब कुछ ऑनलाइन माध्यमों से निपटाते हैं। लेकिन इस बार भी तकनीकी विफलता ने आम लोगों की इस निर्भरता को झटका दिया है।

DownDetector के अनुसार, शनिवार की दोपहर तक UPI सेवाओं को लेकर 1,168 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी थीं। इनमें से 96 शिकायतें Google Pay यूजर्स द्वारा और 23 शिकायतें Paytm यूजर्स द्वारा दर्ज की गईं। PhonePe यूजर्स ने भी भारी संख्या में शिकायतें की हैं, हालांकि उनकी संख्या का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया है। शिकायतों में सबसे सामान्य समस्या यह रही कि ट्रांजेक्शन शुरू होने के बावजूद पेमेंट पूरा नहीं हो रहा था, और कुछ मामलों में “Transaction Failed” का मैसेज आ रहा था।

अब तक न तो NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया), और न ही किसी प्रमुख भुगतान एप्लिकेशन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है कि इस समस्या के पीछे क्या कारण है, या इसे कब तक ठीक कर लिया जाएगा। ऐसे में यूजर्स को न केवल असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि डिजिटल भुगतान प्रणाली की विश्वसनीयता को लेकर भी चिंता बढ़ रही है।

UPI सेवा में आई यह गड़बड़ी कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले 26 मार्च को भी पूरे भारत में UPI सेवाएं अचानक बाधित हो गई थीं। उस दिन भी कई घंटों तक यूजर्स किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं कर सके थे। NPCI ने उस घटना को “तकनीकी खामी” करार देते हुए स्पष्टीकरण दिया था, लेकिन लगातार घट रही ऐसी घटनाओं से लोगों का भरोसा डगमगाने लगा है।

डिजिटल इंडिया के सपने को मजबूती देने वाले इस सिस्टम की बार-बार हो रही विफलता, खासकर छुट्टी के दिनों में, जब बाजारों में खरीदारी अपने चरम पर होती है, छोटे दुकानदारों, रेहड़ी वालों और अन्य व्यापारियों के लिए भारी नुकसान का कारण बन रही है। वहीं, ग्राहक भी कैश की अनुपलब्धता के चलते असहज स्थिति में फंस जाते हैं।

भारत जैसे देश में जहां UPI अब भुगतान की रीढ़ बन चुका है, ऐसे तकनीकी व्यवधान सिर्फ ट्रांजेक्शन को नहीं, बल्कि पूरे आर्थिक सिस्टम की निर्बाधता को प्रभावित करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि NPCI और संबंधित संस्थाओं को अब इस इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक मजबूत, लचीला और स्केलेबल बनाना होगा, ताकि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।

जब तक सेवाएं पूरी तरह बहाल नहीं हो जातीं, यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि वे वैकल्पिक भुगतान माध्यम—जैसे डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या नकद—का उपयोग करें। लेकिन यह सवाल अब ज़रूर खड़ा हो रहा है कि क्या भारत की सबसे भरोसेमंद पेमेंट सिस्टम बार-बार इस तरह ध्वस्त हो सकती है, और फिर भी उसे “भरोसेमंद” कहा जा सकता है?

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