Nigeria Flood 2025: नाइजीरिया में भीषण बाढ़ का कहर: मोक्वा कस्बे में 88 लोगों की मौत, बांध टूटने से हालात और बिगड़े

Nigeria Flood 2025: नाइजीरिया में भीषण बाढ़ का कहर: मोक्वा कस्बे में 88 लोगों की मौत, बांध टूटने से हालात और बिगड़े
नाइजीरिया के नाइजर राज्य के मोक्वा नामक बाजार कस्बे में गुरुवार को आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में अब तक कम से कम 88 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ का कारण कई घंटों तक हुई मूसलधार बारिश और उसके बाद एक नजदीकी कस्बे में स्थित बांध का टूटना रहा, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
राज्य की राजधानी मिन्ना में आपदा प्रबंधन कार्यालय के प्रमुख हुसैनी इसा ने शुक्रवार को जानकारी दी कि राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक 88 शव बरामद किए जा चुके हैं।” बाढ़ से कई लोग लापता हैं और दर्जनों घायल हुए हैं।
मोक्वा नाइजीरिया का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, जहां देश के उत्तरी हिस्से से किसान और दक्षिणी हिस्से से व्यापारी बड़ी संख्या में आते हैं। बाढ़ के समय यह क्षेत्र पूरी तरह सक्रिय था, जिससे जनहानि की संख्या अधिक हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाढ़ ने घरों, दुकानों और सड़कों को तहस-नहस कर दिया। लोग, पशु और माल-असबाब सब कुछ पानी में बह गया।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, जिस बांध के टूटने से स्थिति और गंभीर हुई, वह पहले से ही जर्जर हालत में था। भारी बारिश के दबाव में वह अधिक देर टिक नहीं सका और टूट गया, जिससे अचानक पानी का भारी बहाव मोक्वा की ओर आ गया।
यह पहली बार नहीं है जब नाइजीरिया में बाढ़ से इस प्रकार की तबाही हुई हो। पिछले साल सितंबर में भी पूर्वोत्तर मिदुगुरी क्षेत्र में भारी बारिश और एक बांध टूटने से बाढ़ आई थी, जिसमें 30 लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे। वह क्षेत्र पहले से ही बोको हराम आतंकवाद के कारण मानवीय संकट झेल रहा था।
नाइजीरिया में बाढ़ एक आम समस्या बन गई है, खासकर नाइजर और बेन्यू नदियों के किनारे बसे इलाकों में। जलवायु परिवर्तन, खराब शहरी नियोजन और पुराने बांधों की मरम्मत न होना, इन बाढ़ों के बढ़ते प्रभाव के पीछे प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
मोक्वा में आई इस हालिया बाढ़ से न केवल जानमाल का नुकसान हुआ है, बल्कि हजारों लोग बेघर हो गए हैं। राहत शिविरों में पीड़ितों को अस्थायी रूप से शरण दी जा रही है, लेकिन पीने के पानी, भोजन और दवाइयों की भारी कमी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका भी जताई है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए नाइजीरिया सरकार ने सहायता का आश्वासन दिया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अब केवल राहत कार्यों से काम नहीं चलेगा, बल्कि लंबी अवधि की योजनाएं बनानी होंगी—जैसे कि मजबूत बांध निर्माण, बेहतर जल निकासी व्यवस्था और सुरक्षित आवास नीति का पालन। जब तक ये ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं दोहराती रहेंगी।