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Covid-19: भारत में कोविड-19 का खतरा फिर बढ़ा, सक्रिय मामले 1000 पार, दिल्ली और केरल में सबसे अधिक केस

Covid-19: भारत में कोविड-19 का खतरा फिर बढ़ा, सक्रिय मामले 1000 पार, दिल्ली और केरल में सबसे अधिक केस

भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर से चिंता का कारण बन गया है। कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1000 का आंकड़ा पार कर चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस समय कुल 1009 सक्रिय कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 752 केस हाल के दिनों में सामने आए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि संक्रमण अब दोबारा पांव पसारने लगा है। यह वर्ष 2025 में पहली बार है जब भारत में सक्रिय मामलों की संख्या फिर से चार अंकों में पहुंची है।

दिल्ली की स्थिति खासतौर पर चौंकाने वाली रही है, जहां 100 से अधिक कोरोना मामले सामने आए हैं। यह राजधानी के लिए एक बड़ा अलर्ट है क्योंकि बीते महीनों में संक्रमण लगभग नगण्य हो गया था। अब फिर से केसों की संख्या में उछाल चिंता पैदा कर रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बदलते मौसम और त्योहारों की भीड़ के चलते संक्रमण और तेजी से फैल सकता है।

स्टेटवाइज बात करें तो केरल इस समय सबसे अधिक प्रभावित राज्य बनकर सामने आया है, जहां 430 सक्रिय मामले दर्ज हुए हैं। महाराष्ट्र में 209, दिल्ली में 104 और कर्नाटक में 47 केस दर्ज किए गए हैं। इन राज्यों में निगरानी और इलाज की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। वहीं, कुछ राज्यों जैसे अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में अब तक कोई सक्रिय मामला दर्ज नहीं किया गया है।

हालांकि यह राहत की बात है कि अभी देशभर में स्थिति पूरी तरह से बेकाबू नहीं हुई है। इस दौरान 305 मरीज कोविड से ठीक भी हुए हैं, लेकिन कुछ जगहों से मौतों की भी खबर है। महाराष्ट्र में 4, केरल में 2 और कर्नाटक में 1 मौत दर्ज की गई है, जो बताती है कि कोविड पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। मंत्रालय ने अपील की है कि लोग सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें, हाथों की स्वच्छता बनाए रखें और अगर कोई लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करवाएं। स्वास्थ्य तंत्र भी सतर्क है और निगरानी व्यवस्था को और सख्त किया जा रहा है। सरकार आने वाले दिनों में टीकाकरण और टेस्टिंग को तेज़ करने की दिशा में काम कर रही है ताकि स्थिति नियंत्रण में बनी रहे।

डॉक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल घबराने की नहीं, बल्कि सतर्कता बरतने की ज़रूरत है। लोगों को पुराने अनुभवों से सीखकर इस बार लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। यदि समय रहते कदम उठाए गए, तो इस संक्रमण की लहर को एक बार फिर काबू में किया जा सकता है।

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