Delhi Flood: साउथ ईस्ट दिल्ली में बाढ़ का कहर, इंसानों संग पालतू पशु भी संकट में

Delhi Flood: साउथ ईस्ट दिल्ली में बाढ़ का कहर, इंसानों संग पालतू पशु भी संकट में
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी ने दिल्ली के हालात और बिगाड़ दिए हैं। यमुना नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी ने राजधानी के निचले इलाकों को बाढ़ की चपेट में ला दिया है। साउथ ईस्ट दिल्ली के मदनपुर खादर, विश्वकर्मा कॉलोनी और आसपास के रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि एनडीआरएफ की टीमों को तैनात करना पड़ा। अब तक 171 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं।
पालतू पशु भूख से बेहाल
मदनपुर खादर के खड्डा कॉलोनी इलाके में बाढ़ का असर इंसानों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यहां पालतू पशुओं की स्थिति भी बेहद दयनीय हो गई है। सैकड़ों की संख्या में भैंसें और गाय पानी में फंसी हुई हैं और भूख-प्यास से तड़प रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने मवेशियों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। लोग खुद ही टेंट लगाकर और चारा जुटाकर अपने पशुओं की जान बचाने में लगे हैं। चारा दूर-दूर से लाना पड़ रहा है, जिससे पशुपालकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे पशुओं के लिए कोई सरकारी इंतजाम नहीं है। हम खुद ही उन्हें खिलाने-पिलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पानी भरे होने की वजह से बहुत परेशानी हो रही है।”
राहत कार्यों का दावा
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का आज डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल और जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सरवन बंगारिया ने दौरा किया। अधिकारियों ने दावा किया कि अब तक 60 से 70 राहत शिविर बनाए गए हैं और जरूरत के हिसाब से इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। एमसीडी लगातार सैनिटाइजेशन का काम कर रही है। डॉक्टरों की टीम और दिल्ली पुलिस को भी तैनात किया गया है ताकि प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता मिल सके।
अधिकारियों के अनुसार कई स्कूलों को राहत शिविरों में बदला गया है जहां लोगों को ठहरने, खाने और चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
पीड़ितों की शिकायत
लेकिन बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि प्रशासन के दावों के बावजूद जमीनी स्तर पर सुविधाओं की भारी कमी है। खासकर पशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से पशुपालक बहुत परेशान हैं। लोगों का कहना है कि ठहरने का इंतजाम तो हुआ, लेकिन खाने-पीने की समस्या अब भी बनी हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके पशुओं के लिए तुरंत चारे और पानी की व्यवस्था की जाए ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
एनडीआरएफ इंस्पेक्टर मनप्यारे ने बताया कि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और कोशिश की जा रही है कि कोई भी व्यक्ति या पशु खतरे में न रहे।