Agra Crime: मंदिर में 5 साल की मासूम से दुष्कर्म, दादी की चीख पर पकड़ा गया आरोपी, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

- Agra Crime: मंदिर में 5 साल की मासूम से दुष्कर्म, दादी की चीख पर पकड़ा गया आरोपी, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। 18 मई की शाम पांच साल की मासूम बच्ची घर के पास स्थित एक मंदिर के बाहर खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाला युवक बच्ची को बहला-फुसलाकर मंदिर के भीतर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर उसकी दादी मंदिर के अंदर पहुंची तो वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। सामने उनका पड़ोसी पोती के साथ दरिंदगी कर रहा था।दादी को देखते ही आरोपी ने उन्हें धक्का दिया और मौके से भागने की कोशिश की। लेकिन दादी ने शोर मचाया, जिसकी आवाज सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने भाग रहे आरोपी को पकड़ लिया, उसकी पिटाई की और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। परिवार और मोहल्ले के लोग बच्ची की हालत देखकर स्तब्ध रह गए। बच्ची बुरी तरह से दर्द में कराह रही थी। परिवार उसे तुरंत अस्पताल ले गया, जहां मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
लेकिन इस बेहद गंभीर मामले में पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठने लगे हैं। परिजनों का आरोप है कि घटना के दिन ही उन्होंने दुष्कर्म की पूरी जानकारी पुलिस को दे दी थी, बावजूद इसके पुलिस ने आरोपी को उसी रात थाने से छोड़ दिया। पुलिस का तर्क था कि परिवार ने आरोपी को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया था और शिकायत में केवल छेड़छाड़ की बात कही थी। इस पर पीड़ित परिवार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने शुरू से ही दुष्कर्म की बात बताई थी, मगर पुलिस ने मामले को हल्के में लिया।
इस बीच, जब सोमवार को घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया और बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और आरोपी को दोबारा गिरफ्तार किया गया। आरोपी पास के एक मेडिकल स्टोर में काम करता है और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ है। मोहल्ले वालों का भी कहना है कि पुलिस झूठ बोल रही है और आरोपी को बचाने की कोशिश की गई।
घटना के बाद इलाके में भारी गुस्सा है। स्थानीय लोग और पीड़िता का परिवार आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पीड़िता की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है और उसका इलाज जारी है। पुलिस ने अब आरोपी को जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि संवेदनशील मामलों में पुलिस की लापरवाही किस हद तक किसी परिवार को न्याय से दूर कर सकती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से और कितनी ईमानदारी से कार्रवाई करता है। पीड़िता के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है।