Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश, विपक्ष ने किया विरोध, राज्यसभा में गुरुवार को होगा प्रस्तुत

Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश, विपक्ष ने किया विरोध, राज्यसभा में गुरुवार को होगा प्रस्तुत
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 पेश कर दिया। सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक को लेकर जबरदस्त टकराव देखने को मिल रहा है।
विधेयक के तहत वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार, पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध अतिक्रमण को रोकने के उपाय शामिल हैं। सरकार का तर्क है कि वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए यह संशोधन आवश्यक है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
सरकार ने विधेयक पर विस्तृत चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा में आठ-आठ घंटे का समय निर्धारित किया है। हालांकि, चर्चा की अवधि को आगे बढ़ाने की भी संभावना जताई जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक को लाने से पहले गहन विचार-विमर्श किया गया है और यह वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में सहायक होगा।
एनडीए ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर विधेयक के समर्थन में मतदान करने का निर्देश दिया है। भाजपा के साथ-साथ टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना और लोजपा जैसे प्रमुख सहयोगी दलों ने भी अपने सांसदों को सरकार के पक्ष में खड़े रहने का आदेश दिया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि एनडीए इस विधेयक को किसी भी सूरत में पारित कराने की रणनीति बना चुका है।
लोकसभा में इस मुद्दे पर बहस के दौरान विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और डीएमके सहित अन्य दलों ने इस पर तीखी आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसदों ने इसे धार्मिक संस्थाओं के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप का प्रयास बताया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
दूसरी ओर, सरकार का दावा है कि यह विधेयक किसी भी समुदाय के अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा, बल्कि वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और उनके उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने में मदद करेगा। सरकार ने यह भी कहा कि यह संशोधन मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जरूरी है।
राज्यसभा में यह विधेयक गुरुवार को पेश किया जाएगा, जहां सरकार को इसे पारित कराने के लिए विपक्ष की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। विपक्षी दलों की मांग है कि इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाए ताकि सभी पक्षों की राय ली जा सके और इसे संतुलित बनाया जा सके। लेकिन सरकार इसे जल्द से जल्द कानून का रूप देना चाहती है।
इस विधेयक पर संसद में बहस के दौरान किसका पक्ष मजबूत रहेगा और क्या यह विधेयक बिना बाधा के पारित हो पाएगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर जारी खींचतान से संसद का माहौल और गरमाने की संभावना है।