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Navratri 2025: नवरात्रि के पहले दिन छतरपुर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

Navratri 2025: नवरात्रि के पहले दिन छतरपुर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

दिल्ली के छतरपुर मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। राजधानी के सबसे प्रसिद्ध श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ में सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया। मंदिर प्रशासन के अनुसार सुबह 10 बजे तक लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किए। पूरे नौ दिनों में करीब 10 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है।

मंदिर प्रशासन ने नवरात्रि के अवसर पर विशेष तैयारी की है। मंदिर को फूलों, रंग-बिरंगी लाइटिंग और पारंपरिक सजावट से सजाया गया है। माता रानी का श्रृंगार हर दिन नए वस्त्र, गहने और पारंपरिक आभूषणों से किया जा रहा है। भक्तों के लिए अलग-अलग दिन विशेष पूजा और हवन की व्यवस्था की गई है।

मंदिर में नौ दिनों तक विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें भजन, कीर्तन, प्रवचन और संगीत कार्यक्रम शामिल हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेंगे। दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष लंगर और भोजन की सुविधा भी रखी गई है, ताकि कोई भी भक्त भूखा न रहे।

सुरक्षा के मद्देनज़र मंदिर परिसर में सख्त इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे नारियल और प्रसाद साथ न लाएं, ताकि मंदिर के अंदरड़ू संचालन में कोई बाधा न आए। मंदिर प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है। इसके अलावा, एंबुलेंस और मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

मंदिर पहुंचने वाले भक्तों में बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों की भारी संख्या देखी गई। सुबह-सुबह भक्तों की कतारें मंदिर के बाहर तक लगी हुई थीं। लोगों ने देवी के दर्शन करने के बाद अपने अनुभव साझा किए और माता रानी की कृपा पाने के लिए प्रार्थना की।

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि नवरात्रि के पहले दिन माता के दर्शन करने से पूरे साल उनके जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है। भक्तों ने कहा कि इस अवसर पर विशेष पूजा और भक्ति का अनुभव मिलता है।

मंदिर प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 नियमों का भी पालन कराने की व्यवस्था की है। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए प्रवेश द्वार पर विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को हेलमेट और भारी बैग लाने से भी मना किया गया है।

नवरात्रि के दौरान मंदिर का दृश्य अत्यंत भव्य और भक्तों के लिए आध्यात्मिक रूप से संतोषजनक बताया जा रहा है। इस अवसर पर मंदिर की सजावट, विशेष पूजा और सामूहिक भजन ने भक्तों के मन में उत्साह और श्रद्धा का संचार किया है।

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