Anuj Kanojiya Encounter: मुठभेड़ में ढेर हुआ मुख्तार अंसारी गैंग का कुख्यात शूटर अनुज कनौजिया
झारखंड के जमशेदपुर में शनिवार को एसटीएफ और पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में मुख्तार अंसारी गैंग के कुख्यात शूटर अनुज कनौजिया को मुठभेड़ में मार गिराया गया। यह अभियान एसटीएफ की गोरखपुर इकाई और झारखंड पुलिस के सहयोग से चलाया गया, जिसमें ढाई लाख रुपये के इनामी अपराधी को मौत के घाट उतार दिया गया। अनुज कनौजिया पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बन चुका था और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट और अन्य गंभीर मामलों सहित 24 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
अनुज कनौजिया पर पहले एक लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिसे बढ़ाकर गुरुवार को ढाई लाख रुपये कर दिया गया था। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी, क्योंकि वह यूपी, बिहार और झारखंड में संगठित अपराधों को अंजाम दे रहा था। मऊ जिले का निवासी यह अपराधी मुख्तार अंसारी के लिए शार्प शूटर के रूप में काम करता था और उसने कई हत्याएं की थीं।
एसटीएफ के मुताबिक, अनुज कनौजिया माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का भरोसेमंद शूटर था, जिसने संगठित अपराधों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिले के कोतवाली, रानीपुर, दक्षिण टोला और चिरैयाकोट कोतवाली सहित कई थानों में उस पर गंभीर अपराधों के 23 मुकदमे दर्ज थे। इसके अलावा गाजीपुर जिले के दुल्लहपुर थाने में भी उसके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज थे।
अनुज कनौजिया का खौफ इतना था कि मऊ जिले में व्यापारियों ने अपने दुकानों के बोर्ड से मोबाइल नंबर तक हटा दिए थे, ताकि उनसे जबरन वसूली न की जा सके। खासकर रानीपुर और चिरैयाकोट थाना क्षेत्र में उसकी दहशत ज्यादा थी।
अनुज कनौजिया ने पूर्व में कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं को अंजाम दिया था। होली से पहले चिरैयाकोट बाजार में एक हीरो होंडा एजेंसी संचालक की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। 2009-10 में मऊ जिले के एक बड़े ठेके में अड़चन डाल रहे एक इंजीनियर को भी उसने मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मऊ से गोरखपुर जेल भेजा था।
वर्ष 2016 तक वह गोरखपुर जेल में रहा, जिसके बाद उसे मेरठ शिफ्ट कर दिया गया। मेरठ जेल से जमानत मिलने के बाद 2019 में उसने फिर मऊ के तरंवा ऐराकला गांव में एक व्यक्ति की हत्या कर दी। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। तभी से अनुज कनौजिया फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में थी।
अनुज कनौजिया की बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए अदालत के आदेश पर 21 सितंबर 2021 को उसकी चल-अचल संपत्ति को कुर्क कर लिया गया था। बहलोलपुर नवापुरा स्थित उसकी संपत्ति को पुलिस ने जब्त कर लिया था। तत्कालीन एसपी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसकी संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा था।
शनिवार को झारखंड पुलिस और गोरखपुर एसटीएफ की टीम को सूचना मिली कि अनुज कनौजिया जमशेदपुर में छिपा हुआ है। सूचना के आधार पर पुलिस ने ऑपरेशन चलाया और उसे घेर लिया। खुद को चारों ओर से घिरा देख अनुज कनौजिया ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोलियां लगने से वह घायल हो गया और मौके पर ही दम तोड़ दिया।
अनुज कनौजिया की मौत के बाद मुख्तार अंसारी गैंग को बड़ा झटका लगा है। एसटीएफ अब उसके बाकी गुर्गों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जल्द ही गैंग के अन्य फरार अपराधियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा और संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्तार अंसारी के करीबी रहे इस कुख्यात अपराधी का खात्मा पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिससे पूर्वांचल में अपराध और माफिया नेटवर्क पर गहरी चोट पहुंची है।