Meerut Murder Case: मेरठ सौरभ हत्याकांड में पुलिस की बड़ी लापरवाही, सबूत नष्ट होने का खतरा

Meerut Murder Case: मेरठ सौरभ हत्याकांड में पुलिस की बड़ी लापरवाही, सबूत नष्ट होने का खतरा

उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए सनसनीखेज सौरभ हत्याकांड में पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। मुख्य आरोपी साहिल के घर को सील न करने की वजह से सबूत नष्ट होने की आशंका बढ़ गई है। इस लापरवाही को लेकर मेरठ एसएसपी ने ब्रह्मपुरी थाने के इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। अब यह पड़ताल की जा रही है कि आखिर पुलिस ने साहिल के कमरे को सील क्यों नहीं किया और क्या इसके पीछे किसी पुलिसकर्मी की मिलीभगत थी।

इस मामले में मास्टरमाइंड मुस्कान की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस अभी तक वह सीसीटीवी फुटेज हासिल नहीं कर पाई है, जिसमें मुस्कान के हत्या की साजिश रचने और हत्या में इस्तेमाल किए गए सामान को खरीदने की पुष्टि हो। घटना को 15 दिन बीत चुके हैं, जिससे अधिकतर स्थानों के सीसीटीवी बैकअप डिलीट हो चुके हैं। पुलिस अब तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से फुटेज रिकवर करने की कोशिश कर रही है।

जांच के दौरान पता चला कि मुस्कान ने खैरनगर के एक मेडिकल स्टोर से दवा खरीदी थी, शारदा रोड से चाकू और सीमेंट लिया था, और जली कोठी से एक ड्रम खरीदा था। पुलिस ने इन सभी स्थानों पर जाकर जांच की, लेकिन वहां की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग नहीं मिली।

इस बीच सौरभ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उसके सीने में चाकू के तीन वार किए गए थे, जबकि गर्दन को बेरहमी से काट दिया गया था। इतना ही नहीं, दोनों हाथ कलाई से अलग कर दिए गए थे। चूंकि शव 15 दिन पुराना था, इसलिए किसी भी बेहोशी की दवा के अंश नहीं मिले। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ कि सौरभ को जहर नहीं दिया गया था, जिस कारण बिसरा भी सुरक्षित नहीं रखा गया।

पुलिस अब इस पूरे मामले में तेजी से जांच कर रही है। अपराध स्थल पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को लेकर भी जांच हो रही है। सवाल यह है कि क्या यह महज लापरवाही है या फिर किसी अंदरूनी मिलीभगत का नतीजा। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को शुरुआत से ही इस केस को गंभीरता से लेना चाहिए था, ताकि अहम सबूत सुरक्षित रखे जा सकते। अब देखना यह है कि जांच में क्या नया खुलासा होता है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।

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