Delhi Flyover Accident: दिल्ली हादसा: फ्लाईओवर के बीचोंबीच लगे पेड़ ने ली युवक की जान, लापरवाही पर उठे सवाल
राजधानी दिल्ली एक बार फिर लापरवाह सरकारी सिस्टम की बलि चढ़ गई, जहां एक 39 वर्षीय व्यक्ति की जान एक ऐसी गलती के कारण चली गई जिसे आसानी से रोका जा सकता था। यह दर्दनाक हादसा आनंद विहार फ्लाईओवर पर हुआ, जहां सड़क के बीचोंबीच वर्षों से खड़े एक पुराने पेड़ के कारण एक स्कूटी सवार की जान चली गई। मृतक की पहचान गुरदीप के रूप में हुई है, जो सीमापुरी की जे. जे. कॉलोनी में रहता था।
गुरदीप रोज़ की तरह आज सुबह अपने काम पर जा रहा था, जब उसकी स्कूटी फ्लाईओवर के ऊपर उस पेड़ से टकरा गई जो सड़क के ठीक बीच में खड़ा है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि गुरदीप की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद वहां मौजूद लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी, लेकिन जब तक मदद पहुंचती, गुरदीप दम तोड़ चुका था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पेड़ कई सालों से फ्लाईओवर के मध्य में खड़ा है और इससे पहले भी कई वाहन चालक इससे टकराकर घायल हो चुके हैं। लोगों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई थी कि या तो इस पेड़ को हटा दिया जाए या उसके चारों ओर उचित बैरिकेडिंग या चेतावनी संकेत लगाए जाएं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली की बुनियादी सड़क सुरक्षा और शहरी नियोजन की पोल खोल दी है। सवाल यह है कि फ्लाईओवर जैसी तेज गति वाली जगह पर एक पेड़ सालों से कैसे खड़ा रह सकता है और क्यों इसे लेकर समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई?
नगर निगम और PWD जैसी एजेंसियों की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। क्षेत्रीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि यह सिर्फ एक “दुर्घटना” नहीं, बल्कि “सरकारी हत्या” है। यदि समय पर पेड़ को हटाया गया होता या उस स्थान को चिन्हित किया गया होता, तो गुरदीप आज जीवित होता।
यह हादसा न सिर्फ गुरदीप के परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि उन तमाम आम नागरिकों के लिए एक चेतावनी भी है, जो रोजाना इसी तरह की लापरवाहियों के बीच सड़क पर निकलते हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दर्दनाक हादसे से कोई सबक लेता है या नहीं, या फिर एक और जिंदगी इसी तरह “प्रतीक्षा सूची” में खो जाएगी।