Delhi Acid Attack: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रा पर एसिड अटैक से राजधानी में आक्रोश, छात्र संगठनों का प्रदर्शन तेज

Delhi Acid Attack: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रा पर एसिड अटैक से राजधानी में आक्रोश, छात्र संगठनों का प्रदर्शन तेज

दिल्ली में रविवार सुबह हुए एसिड अटैक की घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना अशोक विहार इलाके में लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास हुई, जहां दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा पर उसके परिचित युवक ने तेजाब फेंक दिया। दिनदहाड़े हुए इस हमले से न केवल छात्र समुदाय, बल्कि पूरे शहर में आक्रोश फैल गया। एनएसयूआई (NSUI), एसएफआई (SFI) और एबीवीपी (ABVP) जैसे छात्र संगठनों ने इस हमले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की है।

रविवार सुबह करीब 8 बजे छात्रा जब अपनी अतिरिक्त कक्षा के लिए कॉलेज जा रही थी, तभी बाइक पर सवार आरोपी ने उसके ऊपर तेजाब फेंक दिया। छात्रा ने खुद को बचाने की कोशिश की, जिससे उसका चेहरा तो सुरक्षित रहा, लेकिन दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए। राहगीरों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। पहले दीपचंद बंधु अस्पताल और बाद में गंभीर स्थिति के कारण आरएमएल अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि छात्रा की हालत अब स्थिर है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी जितेंद्र, जो मुकुंदपुर इलाके का रहने वाला है, छात्रा का परिचित था। दोनों के बीच करीब एक महीने पहले किसी बात पर विवाद हुआ था, जिसके बाद आरोपी उसे लगातार परेशान कर रहा था। पुलिस के अनुसार, रविवार को जितेंद्र ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। जांच में पता चला कि जितेंद्र ने अपने साथी अरमान और ईशान के साथ मिलकर साजिश रची थी। जितेंद्र ने तेजाब की बोतल अरमान को दी और ईशान ने छात्रा पर फेंका। हमले के बाद तीनों मौके से फरार हो गए। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी पहचान कर ली है और गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को तैनात किया है।

इस वारदात ने राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा पर फिर से बहस छेड़ दी है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, “दिल्ली में दिनदहाड़े छात्रा पर एसिड अटैक होना केवल अपराध नहीं बल्कि शासन की नाकामी का प्रतीक है। अगर सरकार और पुलिस ने सुरक्षा को गंभीरता से लिया होता, तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं।” उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार के समर्थन में न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने भी दिल्ली पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। संगठन ने कहा कि राजधानी में महिला कॉलेज के सामने दिनदहाड़े हमला होना प्रशासनिक संवेदनहीनता को दर्शाता है।

एसएफआई ने मांग की कि कॉलेज परिसरों और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और गश्त को और सक्रिय किया जाए। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने घटना को अत्यंत निंदनीय बताया और प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की। अभाविप ने विश्वविद्यालय परिसरों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने, अतिरिक्त कैमरे लगाने और महिला सुरक्षा हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने का सुझाव दिया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और कहा कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। तकनीकी टीमों की मदद से तीनों आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों का गुस्सा उभर आया है। कई कॉलेजों में विरोध प्रदर्शन किए गए और छात्रों ने “दिल्ली की बेटियां कितनी सुरक्षित हैं?” जैसे नारे लगाए। लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं से लोगों में भय और नाराज़गी दोनों ही साफ झलक रहे हैं, क्योंकि सुरक्षा के दावे अब सवालों के घेरे में हैं।

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