Delhi Crime: दिल्ली में देर रात मुठभेड़, छतरपुर हत्याकांड के आरोपी दीपक सहित दो बदमाश घायल, पुलिस पर बरसाईं गोलियां
दिल्ली में देर रात अपराध और कानून व्यवस्था के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब दिल्ली पुलिस और बदमाशों के बीच एक खतरनाक मुठभेड़ हुई। यह एनकाउंटर बीआरटी कॉरिडोर के पास स्थित सीएनजी पंप के नजदीक उस समय हुआ जब छतरपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी दीपक अपने एक साथी के साथ बाइक पर सवार होकर शेख सराय इलाके में दाखिल हो रहा था।
पुलिस को खुफिया इनपुट मिला था कि 15 मई को अरुण लोहिया की हत्या में शामिल आरोपी दीपक किसी साथी के साथ इलाके में आने वाला है। इस सूचना पर एक विशेष टीम ने जाल बिछाया और जैसे ही आरोपियों की बाइक को रोका गया, उन्होंने पुलिस टीम पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।
दिल्ली पुलिस ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जवाबी फायरिंग की, जिसमें दोनों आरोपी घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, इस मुठभेड़ में दोनों ओर से पांच से अधिक राउंड फायरिंग हुई। घायलों में एक की पहचान दीपक के रूप में हुई है, जो छतरपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी है, जबकि दूसरे की पहचान की पुष्टि जारी है।
घायल आरोपियों को तुरंत पुलिस की निगरानी में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और सुरक्षा कारणों से अस्पताल में कड़ी निगरानी की जा रही है।
गौरतलब है कि 15 मई को छतरपुर में एक दिल दहला देने वाली वारदात में अरुण लोहिया नामक व्यक्ति को दो बाइक सवार बदमाशों ने सरेराह गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। स्कूटी चला रहे अरुण पर आरोपियों ने 10 से 12 गोलियां दागी थीं। इस वारदात ने न सिर्फ इलाके में दहशत फैलाई थी, बल्कि दिल्ली पुलिस के लिए भी यह मामला एक चुनौती बन गया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें आरोपियों की लगातार तलाश में जुटी थीं। बीते कुछ दिनों से आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी और जैसे ही उनकी लोकेशन पुख्ता हुई, पुलिस ने दबिश देकर उन्हें पकड़ने की कोशिश की।
डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि, “हमारी टीम को पहले से ही जानकारी थी कि आरोपी क्षेत्र में आने वाले हैं। जैसे ही उन्होंने पुलिस को देखा, वे हम पर फायरिंग करने लगे। हमारी जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल हो गए, और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।”
इस मुठभेड़ को पुलिस की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इससे न सिर्फ एक सनसनीखेज हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने में मदद मिली, बल्कि दिल्ली में बढ़ते संगठित अपराध पर भी एक कड़ा संदेश गया है। पुलिस अब इस केस से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है और आने वाले दिनों में इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।