Delhi Crime: स्पेशल सेल के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, कुख्यात गैंगस्टर राकेश उर्फ पम्पू गिरफ्तार, हत्या और गैंगवार की कड़ियों का होगा खुलासा

Delhi Crime: स्पेशल सेल के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, कुख्यात गैंगस्टर राकेश उर्फ पम्पू गिरफ्तार, हत्या और गैंगवार की कड़ियों का होगा खुलासा

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक लंबे समय से फरार चल रहे कुख्यात और शातिर गैंगस्टर राकेश कादियान उर्फ पम्पू को गिरफ्तार कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। हरियाणा के मुरथल स्थित प्रसिद्ध वीर ढाबे पर दीपक उर्फ भांजा की सनसनीखेज हत्या का मुख्य आरोपी राकेश देशभर में अपराध की दुनिया का एक जाना-पहचाना नाम बन चुका था। उसकी गिरफ्तारी से न केवल इस हत्या कांड में जांच को गति मिलेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में तेजी से सक्रिय हो रहे अपराध नेटवर्क को भी तगड़ा झटका लगा है।

स्पेशल सेल की नॉर्थ रेंज टीम ने यह कार्रवाई पूर्णतः गोपनीय तरीके से अंजाम दी। इंस्पेक्टर मनदीप और इंस्पेक्टर जयबीर के नेतृत्व में एसीपी राहुल कुमार सिंह की देखरेख में टीम को एक गुप्त सूचना मिली कि राकेश दिल्ली में दाखिल हो चुका है और रोहिणी इलाके में अपने पुराने गैंग को पुनः संगठित करने की कोशिश कर रहा है। सूचना की पुष्टि के बाद पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और मैन्युअल निगरानी शुरू की।

22 जून 2025 को राकेश के रोहिणी में अवैध हथियार के साथ आने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी कर दी। जैसे ही वह एक ब्रेज़ा कार में इलाके में दाखिल हुआ, स्पेशल सेल की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे धर दबोचा। तलाशी में उसके पास से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इसके बाद उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

39 वर्षीय राकेश हरियाणा के पानीपत जिले के गांव सिवाह का निवासी है। उसका आपराधिक इतिहास बेहद लंबा और खतरनाक है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी, अपहरण, गैंगवार, अवैध हथियार और आपराधिक साजिश जैसे 16 से अधिक मामलों में नामजद रहा है।

उसका आपराधिक जीवन 2010 में तब शुरू हुआ जब उसके चाचा की हत्या हो गई थी। वह इस हत्या का प्रत्यक्षदर्शी था और बदले की भावना में उसने एक हमलावर पर जानलेवा हमला किया। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में लगातार गहराई तक उतरता गया। 2014 में उसके बहनोई विनोद की दीपक उर्फ भांजा और उसके साथियों द्वारा हत्या कर दी गई। इसके बाद राकेश ने ठान लिया कि वह भांजा और उसके करीबियों को एक-एक कर खत्म करेगा।

उसने वर्षों तक कई लोगों पर हमले किए जिन्हें वह भांजा का करीबी मानता था। इसी सिलसिले में 2017 में राकेश पर पानीपत कोर्ट के बाहर जानलेवा हमला हुआ जिसमें उसके सिर, रीढ़ और हाथों में गोलियां लगीं लेकिन वह मौत को मात देकर फिर से अपराध की दुनिया में लौटा। 2023 में उसने दिल्ली में दोबारा अपना गिरोह खड़ा करने की कोशिश की लेकिन स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

2024 में वह पेरोल पर जेल से बाहर आया और फरवरी 2025 में हरियाणा के मुरथल में दीपक उर्फ भांजा की हत्या कर दी। इसके बाद वह फरार चल रहा था और हरियाणा पुलिस ने उस पर ₹20,000 का इनाम घोषित कर रखा था।

राकेश के खिलाफ सोनीपत के बहालगढ़ थाने में हत्या का केस (FIR संख्या 67/25), रोहतक (166/16), पानीपत के इंडस्ट्रियल थाना (458/2021), स्पेशल सेल दिल्ली (120/23), और अन्य गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी से इन मामलों की गुत्थियां सुलझने की उम्मीद है।

स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने बताया कि राकेश की गिरफ्तारी से दिल्ली-हरियाणा क्षेत्र में संगठित अपराध के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी। पुलिस अब उसके मोबाइल, संपर्कों और नेटवर्क की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन-किन अपराधियों से उसके संबंध थे और कौन-कौन उसकी मदद कर रहा था। इस गिरफ्तारी को आने वाले समय में एक बड़े अपराध नेटवर्क के पर्दाफाश की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है।

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